मुरादाबाद में फर्नीचर के 2.67 लाख रुपये का भुगतान न करने के मामले में फंसे एसडीएम बिलारी घनश्याम वर्मा के खिलाफ शासन ने कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है। बिलारी एसडीएम के पद पर तैनात रहते हुए उन्होंने 12 जुलाई को स्टेशन रोड निवासी फर्नीचर कारोबारी जाहिद के घर की दीवार बुलडोजर चलवा कर गिरवा दी थी। इस संबंध में एसडीएम का कहना था कि तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण करने पर यह कार्रवाई की गई है। जबकि कारोबारी का आरोप था कि एसडीएम ने उनसे फर्नीचर उधार लिए थे।
फर्नीचर कारोबारी से सामान लेने के बाद कारोबारी द्वारा रुपये मांगने पर गुस्से में आ गए थे। फर्नीचर के दो लाख 65 हजार रुपये मांगने पर एसडीएम बिलारी घनश्याम वर्मा ने पहले तो फर्नीचर कारोबारी को धमकाया था। इसके बाद भी जब कारोबारी रुपये देने के लिए कहने लगा तो एसडीएम बिलारी ने तुरंत टीम को बुलडोजर लेकर कारोबारी के घर पर पहुंचने के आदेश दिए थे। बताया था कि कारोबारी ने तालाब की जमीन पर अपना घर बनाया है। अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख करते हुए एसडीएम ने फर्नीचर कारोबारी के घर पर बुलडोजर चलवा दिया था।इस मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति भी गर्मा गई थी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो ट्वीट करके योगी सरकार पर तंज कसा था।
मंडलायुक्त ने इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए थे। जांच एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने की थी। उनकी रिपोर्ट पर एसडीएम को बिलारी से हटाकर जिला मुख्यालय में संबद्ध कर दिया गया था। कमिश्नर के माध्यम से शासन पहुंची इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए शासन ने उन्हें फर्नीचर कारोबारी जाहिद अहमद के घर पर बुलडोजर चलवाने के मामले में दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया है।