बदायूं। जिले में कुत्ते और बंदर ही नहीं अब बिल्लियां भी हमलावर हो रही हैं। अस्पताल में रोजाना ही बिल्लियों के काटने से जख्मी लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। हर रोज औसतन 70-80 कुत्ते के काटने, 50-60 बंदर के काटने और 10-15 लोग बिल्ली के काटने पर एआरवी लगवाने पहुंच रहे हैं।
जिले में सबसे अधिक कुत्ताें के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। पांच माह की बात करें तो 10,245 लोगों को एआरवी लगाई गई। इनमें 6,332 मामले बंदरों के काटने के थे, जबकि 1677 लोग बिल्लियों के काटने पर एआरवी लगवाने पहुंचे। खास बात यह है कि इनमें अधिकांश मामले पालतू बिल्लियों के काटे जाने के हैं। ज्यादातर मामले देहात क्षेत्रों में देखने को मिले हैं। इसके अलावा सियार, घोड़ा और खरगोश के काटने पर भी 244 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाए हैं।
हाल ही में शहर के जोगीपुरा निवासी युवती दीक्षा को बिल्ली ने काट लिया था। दीक्षा के अनुसार, उनके घर में बिल्ली पल रही है। दो दिन पहले वह बिल्ली को रोटी डाल रहीं थीं। इसी दौरान एक अन्य बिल्ली आ गई और उनके पैर में काट लिया। अस्पताल में एआरवी लगवाने पहुंचे दिनेश ने बताया कि पिछले सप्ताह उनके घर में एक बिल्ली आ गई थी। भगाने पर उसने पैर में काट लिया। राजेश कुमार बगरैन ने बताया कि रास्ते पर जाते समय बिल्ली ने काट लिया था।
पालतू कुत्ता और बिल्ली के काटने को न करें नजरअंदाज
अक्सर लोग पालतू कुत्ता, बिल्ली के काटने को नजरअंदाज कर देते हैं। यह घातक हो सकता है। कुत्ता या बिल्ली के काटने पर तुरंत एआरवी लगवानी चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार, रैबीज वायरस जानवरों की लार में होता है। काटने पर यह व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। डायबिटिक या कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों पर यह जल्दी असर करता हैै।
जानवर काटे तो सबसे पहले करें ये काम
बिल्ली, कुत्ता या किसी अन्य जानवर के काटने पर सबसे पहले घाव को साबुन या नमक के घोल से लगातार 10 मिनट तक हल्के हाथ से साफ करें। यदि खून बह रहा हो तो अवशोषक पट्टी का उपयोग करके घाव पर सीधा दबाव डालकर रक्तस्राव को नियंत्रित करने की कोशिश करें और तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं।
एआरवी लगवाने वालों का महीनेवार ब्योरा
माह कुत्ता बंदर बिल्ली घोड़ा व अन्य
अक्तूबर 2,518 1,427 365 67
नवंबर 2,383 1,437 355 53
दिसंबर 2,189 1,373 345 42
जनवरी 14,10 8,55 274 30
फरवरी 1,745 1447 338 52
पहले एंटी रैबीज वैक्सीन महीने-महीने भर नहीं मिल पाती थी। अब जिला अस्पताल में हर समय उपलब्ध रहती है। कुत्ता, बंदर के साथ-साथ बिल्ली के काटने से भी लोग घायल हो रहे हैं। बिल्ली के काटने के भी काफी मामले सामने आ रहे हैं। – डॉ. कप्तान सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल