बदायूं: जिले की लीड बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए घूसकांड ने पूरे बैंकिंग सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीबीआई की छापेमारी के बाद न केवल पीएनबी की प्रदेशभर में किरकिरी हुई है, बल्कि अब बैंकिंग अधिकारियों की भी नींद उड़ चुकी है। घूसकांड की परतें खुलते ही बैंकिंग तंत्र में बड़े स्तर पर ऑडिट कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
अब बैंकों के सभी लोन और केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) खातों की होगी गहराई से जांच, खासतौर पर यह देखा जाएगा कि कहीं इन सेवाओं के एवज में रिश्वत तो नहीं ली गई।
कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश
सूत्रों के मुताबिक, सहसवान और बिल्सी स्थित पीएनबी शाखाओं में चेक और ड्राफ्ट के जरिए संगठित तरीके से घूस ली जा रही थी। जांच में सामने आया है कि इसमें बैंक मैनेजर से लेकर दफ्तरी और जन सेवा केंद्र संचालक तक की मिलीभगत थी। सीबीआई की कार्रवाई में सहसवान शाखा से मैनेजर और दफ्तरी को हिरासत में लिया गया, वहीं बिल्सी ब्रांच से भी एक कर्मचारी पकड़ा गया।
स्थानीय स्तर पर शिकायतों की अनदेखी के बाद पीड़ितों को मजबूर होकर सीधे सीबीआई से संपर्क करना पड़ा, जिससे यह बड़ा मामला उजागर हुआ।
किस आधार पर होगा ऑडिट
अब बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए जिन बैंकों में लोन और केसीसी वितरित हुए हैं, वहां गहराई से ऑडिट किया जाएगा। इसमें इन बिंदुओं पर खास ध्यान दिया जाएगा:
- किन आवेदकों को लोन/केसीसी स्वीकृत किया गया?
- किनका आवेदन अटका है, और क्यों?
- लोन रिजेक्ट करने के पीछे की वास्तविक वजह क्या है?
- आवेदकों से रिश्वत की मांग की गई या नहीं?
ऑडिट टीम सीधे लोन आवेदकों से संपर्क करेगी ताकि ज़मीनी हकीकत सामने लाई जा सके। साथ ही जिनके लोन पहले से पास हो चुके हैं, उनके खातों की भी गहन लेन-देन की जांच होगी—खासकर यह देखा जाएगा कि कितना पैसा कैश में निकाला गया और किन-किन चेकों का उपयोग हुआ।
क्लीन चिट नहीं, जांच अभी जारी
लीड बैंक मैनेजर डॉ. रीतेश रंजन ने कहा कि अभी तक पकड़े गए कर्मचारियों पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन विभागीय जांच के तहत सभी संबंधित शाखाओं का सख्त ऑडिट कराया जा रहा है। यदि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी सामने आती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह घोटाला न केवल बदायूं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि अब बैंकिंग में भ्रष्टाचार पर समझौता नहीं होगा।