होम राज्य उत्तर प्रदेश महाशिवरात्रि पर”मदद-एक कारवां”संस्था ने शिव प्रिय दुर्लभ प्रजाति के सांपो को मुक्त...

महाशिवरात्रि पर”मदद-एक कारवां”संस्था ने शिव प्रिय दुर्लभ प्रजाति के सांपो को मुक्त कराकर जंगल मे छोड़ा,संस्था के अध्यक्ष विकेंद्र शर्मा ने श्रद्धालुओं से भविष्य में सपेरों को पैसे न देने की अपील,

  • संस्था के अभियान को फॉरेस्ट विभाग का सहयोग
  • स्थानीय पुलिस के जवान ने भी सपेरों को पकड़ने में की मदद

आज महाशिवरात्रि पर लोग अपने अपने क्षेत्रों में सुबह से ही शिवालय में जाकर भगवान शिव पर जल चढ़ा व पूजा अर्चना कर अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं बहीं दूसरी ओर बदायूँ शहर का एक नौजवान इस पावन दिन पर शिवजी के अतिप्रिय सांपों को सपेरों के चंगुल से मुक्त कराकर उनको जंगल मे छोड़ कर अपनी सच्ची आस्था व्यक्त कर इसी को अपनी पूजा मान रहा है।शहर के तमाम मंदिरों के बहार बैठे सपेरों के खिलाफ आज उनका संघठन “मदद-एक कारवां” एक मुहिम चलाकर सपेरों से सांपों को मुक्त कराकर इसी को अपनी पूजा मान रहा है,इस कार्य मे सहयोग के फॉरेस्ट विभाग के साथ साथ स्थानीय पुलिस की ओर से मदद कर रहे हैं,संस्था के अध्यक्ष विकेंद्र शर्मा ने श्रद्धालुओं से भविष्य में सपेरों को पैसे न देने की अपील की है उन्होंने कहा आपकी श्रद्धा भक्ति के चलते सपेरे पैसों की लालच में वन्य जीवों को कैद कर उनपर अत्याचार करते हैं, जंगल में विचरण करने वाले सांपों को एक छोटी सी पोटली में कैद करके उन पर अत्याचार किया जाता है, उन पर अत्याचार के लिये कहीं न कहीं हम सब भी दोषी हैं,अगर हम सभी इन सपेरों को भगवान शिव के स्वरूप को दिखाने के नाम पर पैसे नहीं देंगे तो यह लोग भी उनको पकड़ कर उन पर अत्याचार नहीं करंगे।बहीं विकेंद्र शर्मा की आगे से सपेरों को पैसे न देने की श्रद्धालुओं से अपील का सकारात्मक असर होता भी दिख रहा है,मंदिर में तमाम भोले भक्तों ने मदद ए कारवां की इस मुहिम का समर्थन किया है वहीं आगे सपेरों को पैसे न देने की शपथ ली है

शहर के प्रसिद्ध विरुआवाडी मंदिर स्थल के केम्पस से ‘मदद-एक कारवां’ के सदस्यों ने सामूहिक प्रयास से पांच सपेरों को दबोच लिया,जिसमें एक सपेरा मौका देखते ही भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया।सपेरों के पास से कोबरा सहित दुर्लभ प्रजाति की दुमिहि सांप भी मिले है,दुर्लभ प्रजाति की दुमुहि सांप जिसके काले बाजार में कीमत कई लाख बताई जा रही है।संस्था की इस मुहिम को फारेस्ट ऑफिसर नवेद इकराम के निर्देश पर मुख्यालय प्रभारी,अशोक कुमार,व उत्तर प्रदेश पुलिस के जबान इसेन्द्र कुमार ने भी मुक्त कराने में मदद की पकड़े गए सभी पांच सपेरे देखने मे नाबालिग प्रतीत हो रहे थे,जिसमे कुछ ने अपने आपको कछला निवासी बताया तो दो बच्चे अपने आपको हरियाणा का निवासी बता रहे थे जो कछला अपने रिश्तेदारों के यहां आये थे,रिश्तेदारों के कहने पर सांपों को लेकर मंदिर के बाहर बैठे थे।जिन्होंने अपना नाम क्रमशःयशपाल पुत्र धनीराम,देवेंद्र नाथ पुत्र नरेंद्र नाथ,गोविंद नाथ पुत्र नरेंद्र नाथ,भानू नाथ पुत्र श्रीपाल नाथ,संदीप नाथ पुत्र कमलनाथ बताया,सपेरों में सभी नाबालिग लड़के थे,जिनको भविष्य में यह सब न करने की शपथ दिलाने के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया।

विकेंद्र शर्मा ने श्रद्धालुओं से भविष्य में सपेरों को पैसे न देने की अपील,

मंदिर कमेटी व मौके पर पर तैनात पुलिस कर्मियों पर भी उठ रहे सवाल, बन्यजीवों को बंधक बनाना और उनको दिखाकर धर्म के नाम पर पैसा मांगना भारतीय कानून में अपराध है,इसके बाबजूद भी मंदिर कमेटी के लोग इन सपेरों को मंदिर प्रांगण में बैठने का स्थान उपलब्ध कराना सवाल खड़े कर रहा है,बहीं उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस दौरान भारी भीड़ को देखते हुए तैनात रहती है जिन्हें कानून की जानकारी के साथ साथ यह भी जानते हैं कि सांप जहरीले प्रजाति के होते हैं साथ ही समाज मे सांपों का भय भी रहता है,दुर्घटना वश अगर सपेरों से सांप छूटकर जनता के बीच पहुंच जाए तो इससे भीड़ में भगदड़ मच सकती है, भविष्य में कभी कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिये आगे से धार्मिक स्थलों व भीड़ भाड़ वाली जगहों पर खतरनाक बन्यजीवों को धर्म आस्था के नाम पर पैसे मांगने के लिये बैठने पर रोक लगाने को स्थानीय प्रशाशन व मंदिर कमेटी व पुलिस प्रशासन को भी विचार करना चाहिये,

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here