बदायूं: हर साल 14 नवंबर को मनाए जाने वाला विश्व मधुमेह दिवस इस बार विशेष जागरूकता और स्वास्थ्य सुधार के संदेश के साथ आया है। इस वर्ष का विषय “डायबिटीज़ और बेहतर जीवनशैली की दिशा में कदम” है, जो मधुमेह के नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर केंद्रित है।
बदायूं के प्रख्यात फिजिशियन और मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. अजीत पाल सिंह ने इस अवसर पर एक विशेष जागरूकता अभियान का आयोजन किया। सिविल लाइंस स्थित अपने क्लीनिक पर उन्होंने लगभग 100 मरीजों का निःशुल्क मधुमेह परीक्षण किया और उन्हें इस रोग से बचाव और प्रबंधन के उपायों की जानकारी दी।
डॉ. अजीत पाल के जागरूकता अभियान की मुख्य बातें:
- भोजन संबंधी सलाह:
डॉ. अजीत पाल ने मरीजों को बताया कि मधुमेह से बचाव के लिए संतुलित आहार का पालन करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि चीनी, अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट, और तले हुए भोजन से बचना चाहिए। इसके बजाय हरी सब्जियां, प्रोटीन युक्त भोजन और फाइबर का सेवन बढ़ाना चाहिए। - शारीरिक सक्रियता पर जोर:
उन्होंने बताया कि रोजाना व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां मधुमेह को नियंत्रित करने और इससे बचाव के लिए आवश्यक हैं। योग और पैदल चलने जैसे साधारण उपाय भी मधुमेह के खतरे को कम कर सकते हैं। - जीवनशैली में बदलाव:
डॉ. अजीत पाल ने कहा, “मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में छोटे लेकिन प्रभावी बदलाव बेहद जरूरी हैं। नियमित रूप से ब्लड शुगर जांच करवाना, समय पर दवा लेना, और तनाव से बचाव इसके प्रबंधन में मददगार साबित होते हैं।”
विशेष कैंप और जागरूकता कार्यक्रम
सिविल लाइंस क्लीनिक पर लगाए गए इस विशेष कैंप में आए मरीजों को डायबिटीज़ की प्रारंभिक पहचान, लक्षण, और जटिलताओं के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने मरीजों को बताया कि अनियंत्रित मधुमेह से हृदय रोग, किडनी फेलियर, और आंखों की समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ. अजीत पाल की अपील
उन्होंने लोगों से अपील की, “मधुमेह के प्रति जागरूक रहकर और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है। समय पर जांच और सतर्कता ही इस बीमारी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।”
विश्व मधुमेह दिवस का महत्व
विश्व मधुमेह दिवस का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और इसकी रोकथाम के लिए प्रेरित करना है। यह दिन सभी को याद दिलाता है कि मधुमेह सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जिसे सही प्रयासों से बदला जा सकता है।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
डॉ. अजीत पाल के इस प्रयास की स्थानीय लोगों ने सराहना की। कैंप में पहुंचे मरीजों ने कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
डॉ. अजीत पाल सिंह का यह प्रयास समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि मधुमेह से डरने के बजाय इसे जागरूकता और सही जीवनशैली के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।