
जयपुर में प्रदर्शन करती मुस्लिम छात्राएं
“मैं हिजाब नहीं छोडूंगी, चाहे पढ़ाई छोड़ दूंगी. हम स्कूल से टीसी (ट्रांसफ़र सर्टिफ़िकेट) लेने को तैयार हैं, लेकिन अपना हिजाब नहीं छोड़ेंगे.”ये कहना है बारहवीं कक्षा की छात्रा क़ायनात का. हिजाब पर बैन की मांग के ख़िलाफ़ सैकड़ों मुसलमान छात्राओं के साथ सोमवार को जयपुर के एक थाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मीडिया से बात की.जयपुर के एक सरकारी स्कूल में हिजाब को लेकर भारतीय जनता पार्टी विधायक बालमुकुंद आचार्य के बयान के बाद इस मामले पर बहस छिड़ गई है. आचार्य पर आरोप हैं कि उन्होंने मुस्लिम छात्राओं से ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाए और हिजाब को लेकर टिप्पणी भी की.

विधायक बालमुकुंद आचार्य के बयान के विरोध में छात्राओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. ये मामला विधानसभा में भी उठाया गया. सत्ताधारी बीजेपी के नेता ‘हिजाब पर प्रतिबंध’ लगाने की मांग कर रहे हैं.राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों से इस मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है. सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं.
वहीं मुस्लिम छात्राओं ने कहा है कि वो एक फ़रवरी को फिर से सड़क पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन करेंगी. छात्राएं चाहती हैं कि बालमुकुंद आचार्य हिजाब पर दिए अपने बयान पर माफ़ी मांगें.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय गंगापोल के वार्षिकोत्सव में बालमुकुंद आचार्यजयपुर के मुस्लिम बहुल सुभाष नगर इलाक़े में 27 जनवरी को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय गंगापोल का वार्षिकोत्सव मनाया गया.स्कूल प्रिंसिपल रूबी चिश्ती ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए कहा, “वीडियो में सब कुछ मौजूद है. मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती.”हालांकि, उन्होंने यह ज़रूर कहा है, कि “वार्षिकोत्व कार्यक्रम में विधायक बालमुकुंद आचार्य बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित थे. इस दौरान सब लड़कियां स्कूल ड्रेस में थीं. लेकिन कुछ लड़कियों ने स्कार्फ पहना हुआ था. इस पर विधायक ने आपत्ति जताई. स्कूल में शांतिपूर्ण कार्यक्रम रहा. किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं थी.”
विधायक बालमुकुंद आचार्य का एक वायरल वीडियो आचार्य प्रिंसिपल से कहते हैं, “यह हिजाब का क्या चक्कर लगा रखा है. शादीशुदा हैं क्या यह. मना किया करो हिजाब के लिए. हिजाब की वजह से माहौल ख़राब कर रहे हो आप. स्कूल में तो हिजाब बंद करो.”
स्कूल में मैंने प्रिंसिपल को निवेदन किया कि” मैडम स्कूल में दो प्रकार का ड्रेस कोड मत रखो. सभी स्कूल ड्रेस में आएं या सभी को छूट दे दो कि कुछ भी पहनों.