बदायूँ। 23 बदायूं लोकसभा सीट पर आज़ादी के बाद से अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं उसमें पांच बार कांग्रेस छह बार समाजवादी पार्टी दो बार भारतीय जनसंघ पार्टी एक बार जनता दल तो एक बार जनता पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं सत्ताधारी भाजपा को अबतक केवल दो बार दो बार ही इस पर सफलता मिली है।
पहली बार हुए चुनाव में इस सीट पर सन 1951 में कांग्रेस से बदन सिंह ,1957 में दोबारा कांग्रेस के ही रघुवीर सहाय ने ही जीत दर्ज की थी।वहीं 1962 में ओंकार सिंह बीजेएस पार्टी से विजई हुए 1967 में पुनः ओंकार सिंह ने बीजेएस पार्टी से ही जीत दर्ज की 1971 में कांग्रेस से करण सिंह 1977 में जनता पार्टी से ओंकार सिंह तीसरी बार सांसद बने मध्यवर्ती चुनाव 1980 में हुए जिसमें असरार अहमद ने कांग्रेस से जीत दर्ज की 1984 में सलीम इकबाल शेरवानी ने कांग्रेस पार्टी से पहली बार जीत का परचम लहराया 1989 में जनता दल से शरद यादव ने जीत दर्ज की 1991 में हुए मध्यवर्ती चुनाव में भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की स्वामी चिन्मयानंद भारतीय जनता पार्टी से पहली बार सांसद चुने गए 1996 में सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस से पहले बदलकर समाजवादी पार्टी से दोबारा सांसद बने श्री शेरवानी 1999 2004 में लगातार चार बार सांसद बने तथा केंद्र सरकार में स्वास्थ्य एवं विदेश राज्य मंत्री जैसे पदों पर भी रहे 2009 में समाजवादी पार्टी परिवार के धर्मेंद्र यादव ने पहली बार चुनाव लड़कर जीत हासिल की 2014 में धर्मेंद्र यादव यादव समाजवादी पार्टी से द्वारा चुनाव जीतकर सांसद बने 2019 में भारतीय जनता पार्टी की डॉक्टर संघमित्रा मौर्य चुनाव जीती 2024 में अभी 7 में को संपन्न हुए चुनाव में बधाई सीट पर भारतीय जनता पार्टी एवं समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है मतदाताओं की खामोशी से इस सीट पर समीकरणों के गुणा भाग को अंधेरे में रख दिया है इस बार किसके सिर पर शेहरा बंधेगा यह आने वाली 4 जून को पता चलेगा।