होम राज्य Anna Hazare Vs Arvind Kejriwal | Delhi CM Liquor Scam ED Case...

Anna Hazare Vs Arvind Kejriwal | Delhi CM Liquor Scam ED Case | अन्ना हजारे बोले- केजरीवाल के हाल पर दुख नहीं होता: गिरफ्तारी उनके कर्मों का नतीजा, शराब पर नीति बनाने से मैंने रोका था

नई दिल्ली5 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
अन्ना हजारे ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को वीडियो जारी किया। - Dainik Bhaskar

अन्ना हजारे ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को वीडियो जारी किया।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को उनके कर्मों का नतीजा बताया। शुक्रवार को अन्ना ने कहा कि मुझे केजरीवाल के हाल पर बिल्कुल भी दुख नहीं होता। मैंने उन्हें शराब पर नीति बनाने से रोका था, लेकिन वो नहीं माने।

अन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद नई शराब नीति को लेकर मैंने उन्हें दो बार चिट्ठी लिखी थी। मुझे दुख होता है कि उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और अब वो इसमें गिरफ्तार हो गए। जब केजरीवाल और मनीष सिसोदिया नए-नए हमारे साथ आए थे, तब मैंने कहा था कि हमेशा देश की भलाई के लिए काम करना। लेकिन उन्होंने इस बात को ध्यान में नहीं रखा।

वहीं, अन्ना के बयान पर AAP विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि जब हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोग भ्रष्टाचारी भाजपा में शामिल होकर सीएम बन जाते हैं तो कोई आवाज नहीं उठाता। जब अजित पवार जैसे लोग BJP के साथ हो जाते हैं, तो ये बेहद सम्मानित व्यक्ति (अन्ना हजारे) कुछ नहीं कहते। यह व्यवहार दर्दनाक और दुखद है।

दरअसल, ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 2 घंटे की तलाशी और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

अन्ना की चिट्ठी में केजरीवाल को लेकर 2 अहम बातें….

1. केजरीवाल सत्ता के घेरे में फंस गए
अन्ना हजारे ने 30 अगस्त 2022 को केजरीवाल की नई शराब नीति को लेकर चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने लिखा था कि दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं, उनसे मैं दुखी हूं। हमें महाराष्ट्र की तरह शराब नीति की उम्मीद थी, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।

अन्ना ने आगे लिखा था कि लोग सत्ता के लिए पैसे और पैसे के लिए सत्ता के घेरे में फंस गए हैं। यह उस पार्टी के अनुरूप नहीं है, जो एक बड़े आंदोलन से उभरी है। आपने अपनी पुस्तक स्वराज में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं, लेकिन आपके आचरण पर उसका असर नहीं दिख रहा है। आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको पत्र लिख रहा हूं।

लोकपाल विधेयक लागू करने की मांग के साथ अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने 2011 में दिल्ली में अनशन किया था।

लोकपाल विधेयक लागू करने की मांग के साथ अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने 2011 में दिल्ली में अनशन किया था।

2. आपकी पार्टी भी गलत रास्ते पर चल रही
अन्ना हजारे ने केजरीवाल से कहा था कि आपकी सरकार लोगों का जीवन बर्बाद कर रही है। महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है। आपकी कथनी और करनी में फर्क है। सरकार को जनहित मे काम करने पर मजबूर करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को फायदा मिलता। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया।

अन्ना की चिट्ठी की तस्वीरें…

भ्रष्टाचार को लेकर 2011 में अन्ना ने आंदोलन किया था
2011 में अन्ना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन पर थे। उनकी मांग थी कि सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाए। सरकार ने उनकी मांग मानते हुए अनशन के पांचवे दिन यानी 9 अप्रैल 2011 को इसके लिए अधिसूचना जारी की, जिसके बाद अन्ना ने एक छोटी बच्ची के हाथों नींबू पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा।

अनशन खत्म करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 15 अगस्त तक लोकपाल विधेयक पास नहीं किया जाता है, तो अगले दिन से वो एक बार फिर आंदोलन शुरू करेंगे। 15 अगस्त तक विधेयक पास नहीं हुआ और 16 अगस्त को अन्ना दोबारा अनशन पर बैठे। इसके बाद देशभर में अन्ना के समर्थन में आंदोलन शुरू हो गए। आखिरकार सरकार को आनन-फानन में इस बिल को लोकसभा में लाना पड़ा। लोकसभा में बिल पास होने के बाद अन्ना का आंदोलन खत्म हुआ।

9 अप्रैल 2011 को अन्ना ने एक छोटी बच्ची के हाथों नींबू पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा था।

9 अप्रैल 2011 को अन्ना ने एक छोटी बच्ची के हाथों नींबू पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा था।

अन्ना के आंदोलन ने केजरीवाल को नेता बना दिया
अन्ना के आंदोलन को किरण बेदी, कुमार विश्वास, अनुपम खेर, जनरल वीके सिंह, योगेंद्र यादव जैसी हस्तियों ने समर्थन दिया। अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, शाजिया इल्मी जैसे कई लोग इस आंदोलन के बाद हीरो बन गए। अन्ना अपने आंदोलन को राजनीतिक लोगों से दूर रखते थे। अन्ना के साथ इस आंदोलन में शामिल कई लोग इसी आंदोलन से नेता बन गए। इन लोगों ने मिलकर आम आदमी पार्टी बनाई। केजरीवाल इसके संयोजक बने।

लेकिन ये पार्टी जल्द ही बिखर गई। इससे जुड़े कई लोग दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए तो कुछ ने राजनीति से किनारा कर लिया, लेकिन पूरे आंदोलन से सबसे ज्यादा फायदा केजरीवाल को हुआ। इस आंदोलन से नेता बने केजरीवाल तीन बार से दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं।

अन्ना आंदोलन में शामिल कई सामाजिक कार्यकर्ता इस आंदोलन के बाद नेता बन गए। इनमें अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।

अन्ना आंदोलन में शामिल कई सामाजिक कार्यकर्ता इस आंदोलन के बाद नेता बन गए। इनमें अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।

ये खबर भी पढ़ें …
ED बोली- केजरीवाल शराब नीति केस के सरगना, केजरीवाल बोले- मेरा जीवन देश के लिए

ED ने शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार दोपहर 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। उनकी रिमांड पर सुनवाई जारी है। जांच एजेंसी ने 10 दिन की रिमांड मांगी है। साथ ही सीएम को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया। ED ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति को बनाने में सीधे तौर पर शामिल थे। दो बार कैश ट्रांसफर किया गया। पहले 10 करोड़ और फिर 15 करोड़ दिए गए। केजरीवाल पंजाब और गोवा चुनाव के लिए फंडिंग चाहते थे। गोवा चुनाव में 45 करोड़ रुपए इस्तेमाल हुआ। पूरी खबर पढ़ें …

खबरें और भी हैं…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here