बदायूं। पांच दशक के संघर्ष के बाद श्री रामलला की अयोध्या के भव्य-दिव्य मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा ने हर किसी में ऊर्जा का संचार कर दिया। सुबह से ही रामभक्तों की टोलियां पूरे जोश के साथ जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए गलियों-मोहल्लों में निकल पड़ीं। घरों से लेकर प्रतिष्ठानों तक को रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया गया।
सोमवार को अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाने की जिले के लोगों ने रविवार को ही तैयारियां कर ली थीं। घराें, प्रतिष्ठानों, मंदिरों, बाजारों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। सोमवार सुबह होते ही रामभक्तों का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया। सड़कों से लेकर घरों तक श्रीराम के जयकारे गूंजने लगे। चौराहों और तिराहों पर जगह-जगह भंडारे किए गए। शहर के मालवीय आवास पर हलवा और चना, जिला महिला अस्पताल के सामने चाय, महाराणा प्रताप चौक पर चना का वितरण किया गया। परशुराम चौक पर श्री वार्ष्णेय कल्याण समिति की ओर से बूंदी, चाय का वितरण किया गया।
जैसे ही अयोध्या में पूजन शुरू हुआ तो यहां भी लोग घरों और मंदिरों में पूजन करने लगे। शाम को लोगों ने घरों में दीप जलाए। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गई। पूरे दिन रामधुन और भजन बजते रहे। नगरपालिका गेट पर गुब्बारे, ध्वज लगाए गए। कलक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, थाना, बीएसए कार्यालय, विकास भवन, रोडवेज परिसर, नगर पालिका सहित थाने और पुलिस चौकियों को सजाया गया था।
सजाए घर-द्वार
अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो बदायूं के लोगों ने पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत किया। उमंग और भक्ति के माहौल में डूबीं महिलाओं ने दरवाजों पर बंदनवार लटकाए। घरों के आंगन में रंगोली बनाईं। नगला शर्की की रहने वाली सुषमा राठौर ने बताया कि अपने जीवनकाल में उन्हें यह दिन को देखने को मिला, उनके लिए इससे ज्यादा सौभाग्यशाली दिन कोई और नहीं हो सकता। उन्होंने तो प्रभु श्रीराम के लिए कई प्रकार के व्यंजन बनाए हैं। नेकपुर निवासी सुमन ने बताया कि सोमवार की सुबह ने तो उनमें ऊर्जा का नया संचार किया। पूरे घरों को दीपावली से बेहतर ही सजाया है। छत पर भगवा ध्वज लहरा रहा है तो दरवाजों पर झालर झिलमिला रही है।
भामाशाह चौक पर दीये जलाती महिलाएं। संवाद
भामाशाह चौक पर दीये जलाती महिलाएं। संवाद
भामाशाह चौक पर दीये जलाती महिलाएं। संवाद
भामाशाह चौक पर दीये जलाती महिलाएं। संवाद
भामाशाह चौक पर दीये जलाती महिलाएं। संवाद