
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 22 दिसंबर (शुक्रवार) को लोगों से कोलोनियल विरासत के सभी अवशेषों को मिटाने और एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। सीएम हिमंत ने दावा किया कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक गुलामी की सारी निशानियां मिटा दी जाएंगी।
हिमंत, असम के स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ की जन्मशताब्दी के कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कनकलता बरुआ की उस घटना का जिक्र करते हुए कहा जिसमें 1942, भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गोहपुर पुलिस स्टेशन परिसर में तिरंगा फहराने के लिए एक समूह का नेतृत्व करते समय कनकलता की पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सरमा ने आगे कहा, जैसे-जैसे भारत आजादी के 100 साल की ओर बढ़ रहा है, हम सभी को अपनी कोलोनियल विरासत के सभी अवशेषों को खत्म करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने असम के लोगों से कृषि से लेकर आईटी तक सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक आंदोलन बनाने का संकल्प लेने की अपील की। सरमा ने कहा कि आंदोलन सड़कों पर उतरना नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में उत्पादन और क्षमताओं को बढ़ाने का होना चाहिए।
सरमा ने बैठक में दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नई दिल्ली में मौजूदा शासन, कोलोनियल विरासत को खत्म करने के लिए काम कर रहा है। सीएम ने इस दौरान नारा देते हुए कहा, कोलोनियल शासन के सभी अवशेषों को मिटाना होगा और उसकी जगह आत्मनिर्भर भारत बनाना होगा। सरमा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को कोलोनियल युग के कानूनों को नए कानून से बदलने, नए संसद भवन और सड़कों का नाम बदलने का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा, भारत आयात होने वाले उत्पादों पर अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण नहीं करेगा, बल्कि अपनी विरासत बनाने के लिए अपनी क्षमताओं का विकास करेगा। कनकलता और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, सरमा ने कहा कि उन्होंने जिस राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए प्रयास किया था वह हासिल कर ली गई है, लेकिन आर्थिक स्वतंत्रता अभी भी साकार नहीं हुई है। हम सभी को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए काम करना चाहिए।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने महासमुंद में आम सभा को संबोधित किया था।
महासमुंद में बीजेपी प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार करने पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सीएम भूपेश बघेल को सनातन विरोधी बताया था। उन्होंने कहा- ये लोग सनातन धर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कांग्रेसी बाबर के अनुयायी है। इस दौरान वो कांग्रेस की रीति और नीति पर जमकर बरसे।