तहसील प्रभारी – ललित वार्ष्णेय
बिल्सी।आज 25 दिसंबर 2023 को तुल्सीपूजन दिवस के अवसर पर पदमांचल जैन मंदिर पहुंचकर अरिहन्त वृक्षारोपण समिति के संस्थापक प्रशान्त जैन,संरक्षक विष्णु असावा ,नगराध्यक्ष अमन वार्ष्णेय समेत लोगों ने धूमधाम से तुल्सी माता का जलाभिषेक, पूजन किया साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस पर्व को मनाने की अपील की।
मान्यतानुसार माना जाता है कि तुलसी माता होती हैं और मां लक्ष्मी का रूप भी कही गई हैं. इसके अलावा भगवान विष्णु की भक्त होने के चलते तुलसी को श्रीहरि की प्रिय भी माना जाता है. इसीलिए तुलसी को हरिप्रिया (Haripriya) भी कहते हैं. ऐसे में तुलसी पूजा करने से मान्यतानुसार घर में सुख-समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है.
तुलसी पूजन दिवस के दिन घर में नया तुलसी का पौधा लगाने की प्रथा है. तुलसी पूजा करने पर धन, समृद्धि और खुशहाली घर आती है. माना जाता है कि तुलसी पूजन करने के लिए सुबह उठकर स्नान किया जाता है. स्नान पश्चात तुलसी को जल चढ़ाया जाता है. रोली या सिंदूर लेकर तुलसी को तिलक करते हैं और तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाया जाता है. इसके बाद तुलसी स्तोत्र (Tulsi Strota) का पाठ करते हैं. तुलसी पूजन दिवस के दिन तुलसी आरती (Tulsi Aarti) करके पूजा संपन्न की जाती है. तुलसी मां को मिठाई या फल का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन तुलसी बीज माला भी धारण की जा सकती है. ऐसे में तुलसी पूजन दिवस का अत्यधिक महत्व है और इस दिन तुलसी की विशेष पूजा की जाती है.