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क्या भाप लेने और कूलर की हवा से नहीं फैलता ब्लैक फंगस? जानें जवाब

नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस,व्हाइट फंगस और यलो फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन फंगस को लेकर कई तरह की भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं। जबकि, विशेषज्ञों को कहना है कि जितना इन्हें खतरनाक बताया जा रहा है ऐसा नहीं है। सतर्कता बरतने से इन फंगस से लड़ा जा सकता है। हालांकि, म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है। आइए जानते हैं कि इन फंगस को लेकर चल रहे भ्रम से आप कैसे बच सकते हैं।

नाक के जरिए फैलता है संक्रमण
– यह फंगस नाक के जरिये शरीर में प्रवेश करता है। क्या भाप लेने और कूलर की हवा से नहीं फैलता ब्लैक फंगस? जानें जवाब यह रक्तवाहिनी को बंद करता है।
– इससे उस क्षेत्र की रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है और नाक में भारीपन लगता है।
– यह नाक के पास ही साइनस में चला जाता है। साइनस वह खोखला हिस्सा होता है जो गाल के पास होता है।
– साइनस एयर नाक के पास ही आंख होती है। वहां से ये आंख में चल जाता है।

भाप लेने से नहीं फैलता ब्लैक फंगस
एम्स पटना की ईएनटी विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर क्रांति ने बताया कि भाप लेने से म्यूकोर माइकोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है, ऐसा नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल एक डॉक्टर के इस वीडियो के दावे के सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। इस वीडियो में कहा गया था कि लोग ज्यादा भाप ले रहे हैं इससे नाक के जरिए म्यूकोर शरीर में प्रवेश कर रहा है।

लंबे समय तक मास्क लगाने से नहीं फैलता
पीजीआई चंडीगढ़ के ईएनटी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर रमनदीप विरक ने बताया कि लोगों को मास्क को बदलते रहना जरूरी है, लेकिन एक ही मास्क लंबे समय तक लगाने से लोगों को म्यूकोर माइकोसिस हो रहा है, यह गलत है।

शुगर के मरीज ध्यान रखें
इसका संक्रमण उन्हीं लोगों को होता है जो या तो शुगर के मरीज है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। उन्होंने कहा कि ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक हो और प्रतिरोधक क्षमता कम हो तो इस फंगस को आपके शरीर में भोजन मिल जाता है। यह हमारे आसपास ही मौजूद रहता है।

कूलर की हवा से नहीं फैलता
ब्लैक फंगस कूलर की हवा में नहीं फैलता। यह हवा में, पौधों में, बाथरूम में और हमारे आसपास ही हो सकता है लेकिन यह उससे एक दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलता है। यह बहुत लोगों के शरीर के ऊपर भी हो सकता है, लेकिन संक्रमण उसी व्यक्ति को करता है जिसकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।

ऐसा न करें
एम्स के ईएनटी विभाग के डॉक्टर कपिल सिक्का ने बताया कि कई लोग ऐसे भी आए, जिन्होंने मुंह से बीटाडीन के गार्गल करने की बजाय नाक में इसका इस्तेमाल किया। यह जानलेवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों को बीटाडीन गार्गल करने के लिए कहते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि नाक में इसका इस्तेमाल किया जाए।

-यह जरूर ध्यान रखें-
– शुगर का स्तर नियंत्रित रखें
– स्टेरॉइड का सेवन अच्छे डॉक्टर की सलाह पर ही करें
-प्रारम्भिक लक्षण होने पर डॉक्टर को दिखाएं

मरीजों में मृत्यु दर बढ़ सकती है : विशेषज्ञ
म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) से पीड़ित मरीजों में इस बार मृत्यु दर बढ़ सकती है। यह कहना है देश के सबसे बड़े संस्थानों के उन विशेषज्ञों का जो ऐसे मरीजों का इलाज कर रहे हैं। दिल्ली के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कपिल सिक्का ने कहा कि कोरोना काल से पहले म्यूकोर माइकोसिस से पीड़ित मरीजों में 50 फीसदी तक मृत्यु दर देखी जाती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से यह बढ़ सकती है।

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