होम राज्य उत्तर प्रदेश टीएमयू के फिजियोथेरेपी में दिए आत्मरक्षा के गुर

टीएमयू के फिजियोथेरेपी में दिए आत्मरक्षा के गुर

खास बातें    
  • पैरामैडिकल में बेटों को पराठे, बेटियों को कराटे प्रोग्राम
  • डेन्टल काॅलेज में प्राचार्य बोले, नारी शक्ति को पहचानें
  • डाॅ.रश्मि मेहरोत्रा बोलीं, महिलाओं को नहीं चाहिए दया

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट, काॅलेज आॅफ पैरामेडिकल, डेन्टल काॅलेज के संग-संग एजुकेशन काॅलेज में बेटियों को और सशक्त बनाने के टिप्स दिए गए। फिजियोथेरेपी में छात्राओं को जूडो के जरिए आत्मरक्षा की तकनीक सिखाई गई तो पैरामेडिकल काॅलेज में बेटियों को कराटे और बेटों को पराठे तीन पर प्रोग्राम हुए। डेन्टल काॅलेज में गोष्ठी के जरिए राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की उल्लेखनीय भूमिका का स्मरण किया गया। एजुेशन काॅलेज में वक्ताओं ने कहा, नारी का सम्मान प्रतिदिन होना चाहिए।

फिजियोथेरेपी विभाग में जूडो की शैली में पारंगत-डाॅ.योगेन्द्र, मीनू पाण्डेय, अनुपमा और अमन कुमार ने छात्राओं को विभिन्न परिस्थितियों में आत्मरक्षक तरीके बताए। छात्राओं में अनन्या जायसवाल, करिश्मा शर्मा, सुम्बुल फातिमा, अंजली जैन, प्रमिता चैहान, उरूसा बी के अलावा फैकल्टी डाॅ.कृति सच्चान, डाॅ.कोमल नागर आदि ने जूडो की बारीकियां सीखीं। प्रोग्राम में बीपीटी कोर्स की करीब 150 छात्राएं मौजूद रहीं। इस मौके पर एचओडी डाॅ.शिवानी एम.कौल, एन.एस.एस. के काॅर्डिनेटर डाॅ.फरहान खान, डाॅ.शीतल मलहान, डाॅ.उजमा सैयद, डाॅ.असमा आजम, डाॅ.विवेक स्वरूप, डाॅ.अंकिता सक्सेना आदि मौजूद रहे। फिजिकल एजुकेशन काॅलेज के इन टीचर्स और विशेषज्ञों ने छात्राओं को अराजक तत्वों से बचाव के तमाम टिप्स दिए। काॅलेज आॅफ पैरामेडिकल साइंसेज में बेटों को पराठे, बेटियों को कराटे थीम पर प्रोग्राम हुए। बतौर मुख्य अतिथि एसोसिएट डीन डाॅ.मंजुला जैन ने द्वीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। इस मौके पर प्राचार्य डाॅ.नवनीत, नर्सिंग काॅलेज की वाइस पिं्रसिपल डाॅ.जैसलीन एम., डाॅ.रूचिकांत, कंचन गुप्ता, श्रुति सिन्हा, डाॅ.सतेन्द्र सचान, रवि लौधी, जुनैल अबैुद्दीन, प्रियंका सिंह, प्राची आदि मौजूद रहे। डाॅ. जैन ने माँ सीता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए एक आदर्श नारी के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला। छात्राओं मंजुला, मोहिनी, मनीषा, नर्गिस, शिवांगी और दिशा ने सामूहिक रूप से सामूहिक नृत्य किया तो सरफराज और प्रांजल ने बेटियों की शिक्षा का महत्व बताया। शगुन ने महिला सशक्तिकरण पर विचार व्यक्त किए जबकि फैकल्टी कंचन गुप्ता ने… अब मुस्कराने को जी चाहता है…गज़ल प्रस्तुत की। संचालन फैकल्टी डाॅ.अर्चना जैन ने किया।

डेन्टल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ.मनीष गोयल सफल महिलाओं- कल्पना चावला, सानिया मिर्जा, सुषिमता सेन का स्मरण करते हुए बोले, ये महिलाएं पुरूषों से कहीं अधिक प्रभावशाली और प्रतिभाशाली हैं। इन्होंने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी परचम लहराया। डाॅ.गोयल डेन्टल काॅलेज की छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बोले, अब वक्त आ गया है, हमें नारी शक्ति को पहचानना होगा। इससे पूर्व डाॅ.शिल्पी श्रीवास्तव ने बुके देकर प्राचार्य का स्वागत किया। कार्यक्रम में डाॅ.एम.के. सुनील, डाॅ.उपेन्द्र मलिक, डाॅ.रूपिका हांडा, डाॅ.अनुद्वीप रैना, डाॅ.गरिमा येलूरी, डाॅ.अंजलि नायक, डाॅ.तनहा खान, डाॅ.प्रिया, डाॅ.छवि आदि मौजूद रहे। संचालन डाॅ.वसुन्धरा सिंह ने किया।

शिक्षा संकाय में प्राचार्य डाॅ.रश्मि मेहरोत्रा ने कहा, महिलाओं को किसी की दया नहीं चाहिए, उन्हें स्वयं को इतना योग्य बनाना है कि वे पुरूषों के समान अपना स्थान बना सकें। डाॅ. सुशील कुमार बोले हमें साथ मिलकर ऐसी स्थिति लानी होगी कि महिला सशक्तीकरण जैसे कार्यक्रम की दरकार ही न रहे। सजल जैन, विश्वास, पल्लवी, पूजा, संजय, बृजेश, आलिमा, सना, मेद्या आदि छात्र-छात्राओं ने महिला सशक्तीकरण पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में फैकल्टी मोहिता वर्मा, गौतम कुमार आदि भी मौजूद रहे। संचालन दिव्यांशी अग्रवाल ने किया।

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