बिल्सी नगर में निकलने वाला संकीर्तन का इतिहास बहुत पुराना है वर्तमान में इसका संचालन नगर के श्री राम निवास झा “भगतजी” के नाम से प्रसिद्ध बरिष्ठ समाज सेवी द्वारा होता है इससे पूर्व इसका संचालन भगतजी के पूर्वजों द्वारा किया जाता था।भगत जी द्वारा स्थापित काली मंदिर जिसको नवदुर्गा मण्डल के नाम से भी प्रसिद्धि हासिल है,उक्त मंदिर से संकीर्तन ब्रह्ममुहूर्त में प्रारम्भ होकर पूरे नगर में संकीर्तन करते हुए बिजली घर के पास स्थित काली मंदिर पर सम्पन्न होता है।
यह प्रक्रिया पौष कृष्ण एकादशी से प्रारंभ होकर प्रतिदिन 39 दिनों तक संकीर्तन प्रभात फेरी के रूप में जारी रहती है ।40 वे दिन माघ शुक्ल बसन्त पंचमी के दिन भगवान कृष्ण व मां सरस्वती की सुंदर झांकी निकाली जाती है जिसका नगर में सभी श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत सत्कार के साथ जगह जगह आरती उतारी जाती है बहीं डोले पर विराजमान पुजारी लोगों को प्रसाद वितरण करते जाते हैं। झांकी की नगर फेरी उपरांत यह पर्व सम्पन्न हो जाता है।नगरवासी इन चालीस दिनों के उत्सव में शामिल संकीर्तन टोली का नगर में जगह जगह स्वागत सत्कार के साथ सभी को चाय पान व स्वल्पाहार कराकर पुण्य लाभ लेते हैं।
आज संकीर्तन के 28 वे दिन नगर के समाज सेवी दीपक गुप्ता ने अपने निजनिवास व प्रतिष्ठान के पास संकीर्तन टोली को चाय पान व स्वल्पाहार कराकर कराते हुए कीर्तन में भाग लिया।इस मौके पर अजीत जैन ,कपिल माहेश्वरी ,संजीव माहेश्वरी ,अमन माहेश्वरी ,अनुप माहेश्वरी ,अखिल मालपाणी ,विपिन बाहेती ,,अदित्य माहेश्वरी ,अरविंद पान बाले ,नरेन्द्र माहेश्वरी, डा० मदन बाबू गाँधी ,डा० अमित माहेश्वरी ( खैरी बाले ) ,हेमंत माहेश्वरी ,सुजल माहेश्वरी ,इकलव माहेश्वरी ,देवाशु माहेश्वरी ,आदि लोग उपस्थित रहे