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बदायूँ उझानी के प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी विपिन सचदेवा को अज्ञात कार ने मारी टक्कर, व्यापारी को नहीं मिला मेडिकल कालेज में इलाज

बदायूँ के मेडिकल कालेज में नहीं है सिटी स्कैन मशीन, इमरजेंसी की स्थिति में मरीज का जाना पड़ता है जिला अस्पताल

प्रदीप कुमार शर्मा की रिपोर्ट

मेडिकल कालेज के निकट सड़क दुर्घटना में घायल व्यापारी को नहीं मिला मेडिकल कालेज में इलाज,
उझानी निवासी विपिन सचदेवा रोजाना की तरह बीते दिवस अपनी स्कूटी से 09:45 पर बदायूँ स्थित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की दुकान के लिये निकले थे,हाइवे स्थित aps कालेज के सामने पीछे से आ रही अज्ञात कार ने स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे व्यापारी काफी दूर तक घिसटता चला गया जिससे व्यापारी के सर में गम्भीर चोट आई है,इसी दौरान किसी राहगीर ने व्यापारी को पहचान लिया जिसकी सूचना व्यापारी के परिवार को मोबाइल से दी दुर्घटना की सूचना मिलते ही व्यापारी के परिवारी दुर्घटना स्थल पर पहुंच गए आनन फानन में घायल व्यापारी को मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे,किउंकि दुर्घटना स्थल से मेडिकल कालेज की दूरी मात्र 2 तीन मिनट की थी।लेकिन परिबार को झटका तब लगा जब मेडिकल कालेज में उन्हें बताया गया कि घायल के सर में चोट है इसके लिये मेडिकल कालेज में सिटी स्कैन की मशीन उपलब्ध नहीं है इसके लिये आप बदायूँ जिला अस्पताल ले जाओ, साथ ही घायल को जिला अस्पताल रेफर करने से इस लिये मना कर दिया कियूं कि मेडिकल कालेज हायर सेंटर है और जिला अस्पताल लोअर सेंटर इस लिये मेडिकल कालेज जिला अस्पताल को रेफर नहीं कर सकता,अब कानून बनाने वालों को ऐसे कानून को खत्म कर देना चाहिए जिसमें जनसेवा के कार्यों में लगी सरकारी मशीनरी में भी ऊंच नीच के कानून बताकर जीवन बचाने से ज्यादा हायर और लोअर सेंटर के कानून बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं, जिस मेडिकल कालेज में बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई भी शुरू करा दी गई हो उस कालेज में सिटी स्कैन जैसी अतिमहत्वपूर्ण मशीन का न होना सरकारी मशीनरी की घोर लापरवाही है या राजनीतिक सत्तादल की उदासीनता जिसमें जनपद के लिये अतिमहत्वपूर्ण मेडिकल कालेज जैसी संस्था के लिये जरूरी संसाधन के लिये बजट लाने तक छमता किसी मे नही है।व्यापारी ने अपने संसाधन के बल पर अपना इलाज करा लिया लेकिन मेडिकल कालेज के निकट घटी इस दुर्घटना के बाबजूद इमरजेंसी सेवा का लाभ पीड़ित को न मिलना सवालिया निशान लगाता है, बदायूँ स्वास्थ्य विभाग,और प्रशाशनिक अधिकारियों व राजनीतिक हस्तियों को एक साथ मिलकर मेडिकल कालेज के लिये लाइफ सेबिंग सपोर्ट उपकरण के लिये प्रयास कर मेडिकल कालेज जैसे नाम के अनुसार सेवाओं पर भी ध्यान देना चाहिए

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