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रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पीने से जड़ से खत्म हो जाते हैं कई रोग.डॉ उमेश चन्द्र गौड़

साभार- डॉ उमेश चन्द्र गौड़(बरिष्ठ होमियोपैथी चिकित्सक)आर्य समाज चौक,बदायूँ

  • पाउडर हल्दी की जगह कच्ची हल्दी का इस्तेमाल फायदेमंद होता है
  • हल्दी में अमिनो एसिड अनिद्रा को दूर करता है.
  • हल्दी का दूध पीरियड्स के दर्द को कम करता है.
  • हल्दी दूध कैंसर मरीज़ को भी पिलाया जाता है
  • हड्डियां बनाए मज़बूत हल्दी में मौजूद एंटीबायोटिक्स और दूध में मौजूद कैल्शियम दोनों मिलकर हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं. …
  • सर्दी-खांसी से रखे दूर …
  • वज़न करे कम

अकसर बीमारी, दर्द या चोट लगने पर हमारी मां या दादी-नानी हमें हल्‍दी वाला दूध पीने के लिए देती हैं, जिसे देखते ही हम मुंह बनाने लगते हैं. दूध वो भी हल्‍दी के साथ ये कॉम्‍बिनेशन सुनकर ही अजीब लगने लगता है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हल्‍दी वाला दूध कई औषधिय गुणों से भरपर है. हल्दी की एंटीबायोटिक्स प्रॉपर्टीज़ और दूध में मौजूद कैल्शियम जब ये दोनों एक साथ मिलते हैं तो हल्दी दूध के गुण और भी बढ़ जाते हैं. अगर आप इसके गुणों को और भी बढ़ाना चाहते हैं तो पाउडर की जगह कच्ची हल्दी इस्तेमाल करें. ये आसानी से किसी भी सब्जी वाले या वेजिटेबल स्टोर्स से मिल जाएगी.अधिकतम लोग रोजाना दूध का सेवन करते हैं, क्योंकि दूध में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं। जो हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं। उसके साथ ही दोस्तों आपको पता ही होगा कि आयुर्वेदिक में हल्दी को औषधि के रूप में भी देखा जाता है, इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पीने से हमारे शरीर के कौन से रोग जड़ से खत्म हो जाती है।स्वदेश केसरी सवांददाता ने बदायूँ शहर के बरिष्ठ व बहुत ही अनुभवी चिकित्सक डॉ उमेश चंद्र गौड़ से हल्दी वाले दूध के गुण व दोष दोनों के वारे मे विस्तार से जाना,साथ ही इसके बनाने की सही विधि क्या है उसके बारे में जानकारी ली,जिसे हम अपने ‘स्वदेश केसरी न्यूज’ के पाठकों के साथ शेयर कर रहे हैं।

हल्दी अपने एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुणों के लिए जानी जाती है, और दूध, कैल्शि‍यम का स्त्रोत होने के साथ ही शरीर और दिमाग के लिए अमृत के समान हैं। लेकिन जब दोनों के गुणों को मिला दिया जाए, तो यह मेल आपके लिए और भी बेहतर साबित होता है, जानते हैं कैसे

यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता,

दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन,एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे – इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। इससे आपकी त्वचा साफ और स्वस्थ और चमकदार दिखाई देती है।आपको बता दें कि यदि आपके चेहरे पर पिंपल्स और दाग धब्बे की समस्या है, तो आपको रोजाना रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पीना चाहिए। इसके रोजाना सेवन से आपकी पिंपल्स और दाग धब्बे जैसी समस्याएं जड़ से खत्म हो जाएगी।उसके साथ ही रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से चेहरे के त्वचा पर निखार आ जाता है।

दूध में कैल्श‍ियम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हल्दी के गुणों के कारण रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे हड्डी संबंधि‍त अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस में कमी आती है।उसके साथ ही रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से शरीर के हड्डियों का दर्द जड़ से खत्म हो जाता है।हल्दी वाले दूध का प्रतिदिन सेवन, गठिया- बाय, जकड़न को दूर करता है, साथ ही जोड़ों मांसपेशियों को लचीला बनाता है। 

सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ भी निकल जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

हल्दी वाले दूध का सेवन, आपकी आंतो को स्वस्थ रखकर पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। पेट के अल्सर, डायरिया, अपच, कोलाइटिस एवं बवासीर जैसी समस्याओं में भी हल्दी वाला दूध फायदेमंद है। यदि आप अपना ब्लड सरकुलेशन ठीक रखना चाहते हो तो आपको रोजाना हल्दी वाला दूध पी लेना चाहिए। इसके रोजाना सेवन से आपका ब्लड सरकुलेशन ठीक रहता है, हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटी माइक्रो बैक्टीरियल गुण, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, फेफड़ों में जकड़न व कफ से राहत देने में सहायता करते हैं।  गर्म दूध के सेवन से शरीर में गर्मी का संचार होता है जिससे सांस की तकलीफ में आराम मिलता है।

मौसम में आए बदलाव एवं अन्य कारणों से होने वाले वायरल संक्रमण में हल्दी वाला दूध सबसे बेहतर उपाय है, जो आपको संक्रमण से बचाता है।

खून में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने पर हल्दी वाले दूध का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।लेकिन अत्यधि‍क सेवन शुगर को अत्यधि‍क कम कर सकता है, इस बात का ध्यान रखें।

हल्दी दूध के नुकसान

आपके लिए हल्दी दूध के नुकसान के बारे में जानना भी जरूरी है। जी हां, हल्दी वाला दूध पीने के फायदे के साथ इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं, जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं-

आमतौर पर हल्दी वाला दूध हेल्दी माना जाता है। दर्द होने पर, सर्दी-खांसी होने पर घरों में लोग सबसे पहले हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते हैं, जिसे लोग खुशी-खुशी पी भी लेते हैं। लेकिन ये हल्दी वाला दूध फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। हल्दी की तासीर गर्म होती है और इसमें खून काे पतला करने का गुण होता है। इसलिए हर किसी को इसे नहीं लेना चाहिए। खासकर उन लोगों को जिनकी बॉडी गर्म  रहती है या जिन्हें नाक से खून आना या पाइल्स जैसी प्रॉब्लम्स रहती हैं। यह ब्लीडिंग को बढ़ा देता हैे। 

कई सारे पेट की मरीजों को भी हल्दी वाला दूध नुकसान पहुंचा सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं किन लोगों को हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए। अगर वे इसे पीना भी चाहते हैं तो उन्हें  डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही इसे लेना चाहिए। 

इस बारे में जब स्वदेश केसरी सवांददाता ने अनुभवी चिकित्सक डॉ उमेश चंद्र गौड़ से बात की तो उन्होंने बताया कि हल्दी को हेल्दी हर्ब के रूप में  देखा जा सकता है लेकिन ये सबके लिए हेल्दी नहीं होती। वैसे तो मसालों को छोड़कर कोई हल्दी खाता नहीं है लेकिन हल्दी वाला दूध सभी कॉमनली यूज करते हैं। गालब्लेडर स्टोन, प्रेग्नेंसी और ब्लीडिंग की प्रॉब्लम वाले लोगों को हल्दी खाना अवॉइड करना चाहिए।

  • हल्दी और दूध का एक साथ सेवन से कुछ लोगों को एलर्जी की शिकायत हो सकती है।
  • कई बार लोग हल्दी दूध का अधिक सेवन करने लगते हैं, जिसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है। इसके अधिक सेवन से सीने में जलन, अपच और दस्त हो सकते हैं।
  • गर्भावस्था के दौरान आप हल्दी दूध का सेवन डॉक्टर से परामर्श लेने पर ही करें।
  • हल्दी के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या हो सकती है। यानी पेट में गैस बनना, पेट फूलना और पेट से संबंधित अन्य परेशानी।
  • कुछ दवाओं के साथ हल्दी का सेवन करने से दुष्परिणाम हो सकते हैं। अगर आप एंटीकोगुलेंट्स जैसी एस्पिरिन दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इसे न लें। नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवा को भी हल्दी के साथ नहीं लेना चाहिए। इसलिए, जब भी आप हल्दी दूध का सेवन करें, तो पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

हल्दी वाला दूध बनाने की विधि

हल्दी वाला दूध बनाने के लिए ज्यादातर घरों में पिसी हुई हल्दी को गर्म दूध में डालकर मिक्स कर लिया जाता है. पर आपको जानकर हैरानी होगी कि इस तरह का दूध ज्यादा लाभदायक नहीं माना जाता है. हल्दी वाला दूध बनाने के लिए कच्ची हल्दी यानी कि जो गांठ वाली हल्दी सबसे उत्तम मानी जाती है. इसलिए हम बता रहे हैं इसकी सही विधि.

हल्दी वाला दूध बनाने के लिए सबसे पहले हल्दी को बारीक-बारीक कूट लें.एक बर्तन में 2 कप दूध और एक कप पानी डालें. दूध हल्दी के छोटे-छोटे टुकड़े डाल दें. अब इस दूध को कम से कम 15 से 20 मिनट तक धीमी आंच पर उबालना है.दूध उबालने के उपरांत दूध ही दूध बचेगा और पानी सूख जाएगा धीमी आंच पर उबालने से हल्दी के सारे पोषक तत्व दूध में अच्छी तरह मिल जाएंगे.अच्छी तरह इस दूध को उबालने के बाद छान लें. फिर इसका सेवन करें. आप चाहें तो इसमें काली मिर्च भी मिला सकते हैं.यह दूध कोलेस्ट्रॉल, जोड़ों का दर्द, कब्ज, खून साफ करना, वात रोग में फायदा पहुंचाता है. साथ ही शरीर के विषैले पदार्थों को शौच या मूत्र के रास्ते बाहर निकालने में मददगार होता है.

हल्दी वाला दूध पीने के फायदे अनेक हैं, यह तो आप जान ही चुके हैं। बस अब जरूरत है तो संयमित मात्रा में दादी-नानी के इस अचूक नुस्खे को आजमाने की, जिसकी पुष्टि कई शोध में भी हो चुकी है। उम्मीद है कि ‘स्वदेश केसरी न्यूज’ का यह लेख एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने में काफी हद तक मददगार साबित होगा। अपने परिवार व दोस्तों के साथ इस आर्टिकल को जरूर शेयर करें

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