बदायूं (स्वदेश केसरी)।नगर के आदर्श नगर स्थित कथा स्थल पर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन आज धार्मिक उत्साह एवं श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रातः बेला में महालक्ष्मी यज्ञ वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ आचार्य पं. सुरेंद्र कुमार भारद्वाज (नरवर वाले) के कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य यजमान के रूप में जीएस हीरो के स्वामी अनुपम गुप्ता ‘जिम्मी’ ने यज्ञशाला की पूर्ण विधि विधान से आहुति दी।

भागवत भूषण धन्वंतरि जी महाराज का दिव्य प्रवचन
कथा वाचन के दौरान वृंदावन धाम से पधारे भागवत भूषण धन्वंतरि जी महाराज ने श्रद्धालुओं को कपिल देवहूति संवाद के माध्यम से ईश्वर भक्ति, योग साधना और संत संगति के महत्व को सरल और मार्मिक भाषा में समझाया। उन्होंने कहा कि “जो भक्त ईश्वर में अटूट विश्वास रखते हैं, उनके रक्षण के लिए स्वयं प्रभु उपस्थित हो जाते हैं।”

संतों की संगति और संयमित जीवन की प्रेरणा
धन्वंतरि जी महाराज ने अनसूया चरित्र के माध्यम से पारिवारिक समर्पण की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जैसे एक पत्नी के लिए पति की सेवा परमधर्म है, वैसे ही पति का भी कर्तव्य है कि वह पत्नी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और सम्मान रखे। उन्होंने प्रह्लाद चरित्र का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि संकट चाहे जितना भी बड़ा क्यों न हो, यदि मन ईश्वर में लीन है तो प्रभु का संरक्षण अवश्य प्राप्त होता है।

26 अप्रैल तक प्रतिदिन होगा कथा आयोजन
कथा संयोजक गोपाल शर्मा ने नगरवासियों से अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में कथा स्थल पर पहुँचें और प्रतिदिन सायं 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित हो रही इस दिव्य श्रीमद्भागवत कथा का लाभ लें। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में भी कथा के विभिन्न रोचक प्रसंगों के साथ भव्य झांकी, संकीर्तन और भजन संध्या आयोजित की जाएंगी।

इन श्रद्धालुओं की रही विशेष उपस्थिति
आज के आयोजन में यज्ञ आचार्य पं. सुरेंद्र कुमार भारद्वाज, सत्यम मिश्रा, गोपाल शर्मा, सुमित गुप्ता, सचिन गुप्ता, रविंद्र उपाध्याय, उत्कर्ष गुप्ता, दिनेश शर्मा, अमित शर्मा, जगदम्बा सहाय सक्सेना समेत नगर के कई धर्मप्रेमी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

भक्ति की इस गंगा में डुबकी लगाने से मिलेगा परम आनंद, इस संदेश के साथ कथा का समापन हुआ।

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