नई दिल्ली: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के बाद अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 15 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें 3 बच्चे भी शामिल हैं। 10 से ज्यादा यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद स्टेशन को खाली कराया गया, वहीं, महाकुंभ जाने वाली दो ट्रेनों के लेट होने से भीड़ और बढ़ गई, जिससे स्थिति और बेकाबू हो गई।




कैसे हुआ हादसा?
शनिवार रात 9:26 बजे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ थी। इसी दौरान रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा कर दी। महाकुंभ यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालु पहले ही स्टेशन पर मौजूद थे, लेकिन जैसे ही ट्रेन को प्लेटफॉर्म 12 से 16 पर शिफ्ट करने का ऐलान हुआ, हजारों लोग प्लेटफॉर्म बदलने के लिए फुटओवर ब्रिज की ओर दौड़ पड़े।
आंखोंदेखी बता रहे यात्रियों के अनुसार, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे। भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और लोगों का दम घुटने लगा। देखते ही देखते अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
10 से ज्यादा घायल, LNJP अस्पताल ने पुष्टि की
हादसे के बाद लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) में घायलों को भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
घटना पर बड़ा प्रशासनिक विवाद
रेलवे प्रशासन इस घटना को लेकर दो धड़ों में बंटा नजर आया।
- रेलवे के CPRO (चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर) ने घटना को अफवाह बताते हुए भगदड़ की खबर से इनकार किया।
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए।
- दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
रेलवे पुलिस और दिल्ली पुलिस ने संभाला मोर्चा
रेल मंत्रालय के अनुसार, रेलवे पुलिस (GRP) और दिल्ली पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में ले आई है। हालांकि, यह हादसा रेलवे की भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक को उजागर करता है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
- 29 जनवरी 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
- 10 फरवरी 2013: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर कुंभ के दौरान भगदड़ में 36 लोग मारे गए थे।
हादसे के बाद कई ट्रेनें प्रभावित
हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से कई ट्रेनों को डायवर्ट किया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। महाकुंभ जाने वाली दो ट्रेनें घंटों लेट हुईं, जिससे प्लेटफॉर्म पर भीड़ और बढ़ गई।
सरकार ने दिए मुआवजे के आदेश
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार और रेलवे मंत्रालय मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार कर रहे हैं। वहीं, घायलों का सरकारी खर्चे पर इलाज कराने की बात भी कही जा रही है।
क्या यह प्रशासन की नाकामी है?
यह हादसा फिर से रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि भीड़ नियंत्रण और इमरजेंसी मैनेजमेंट में लापरवाही बरती जा रही है। अब देखना होगा कि रेलवे इस हादसे से सबक लेता है या फिर इसे भी बीते हादसों की तरह भुला दिया जाएगा।