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बदायूं जिले में मकर संक्रांति पर सोमवार को कछला गंगाघाट आस्था से सराबोर हो उठा। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पहले सूर्यदेव को अर्घ्य दिया, फिर पूजा-अर्चना की। संत-महात्माओं समेत पुरोहितों को दक्षिणा और खानपान की वस्तुएं भेंट की गईं।
कड़ाके की ठंड के बाद भी गंगाघाट पर श्रद्धालु जुटे। बदायूं, कासगंज और हाथरस आदि जिलों के श्रद्धालुओं ने विशेष स्नान पर्व पर आस्था की डुबकी लगाई। बम-बम भोले की गूंज के बीच सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया। घाट पर ही पूजा-अर्चना के दौरान उन्होंने पुरोहितों से मंत्रोच्चार कराया। कई श्रद्धालुओं ने हवन भी कराया।
कासगंज जिले के छोर वाले घाट पर श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ रही। दोपहर बाद तक चले गंगा स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने आसपास के आश्रमों में भंडारा भी कराया। संत-महात्माओं समेत पुरोहितों को दक्षिणा भेंट की गई। अंगवस्त्र और खानपान की वस्तुएं दी गईं।
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संत हरीओम दास शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के बाद दान करने का कई गुना अधिक पुण्य अर्जित होता है। इसके अलावा गंगाघाट पर खिचड़ी भोज भी कराया गया। इसके अलावा नगर पंचायत की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा को घाट के आसपास अलाव भी जलवाए गए। प्रसाद विक्रेताओं ने भी अपनी दुकानों के सामने अलाव की व्यवस्था कर श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया कराई।