होम अंतर्राष्ट्रीय चीन का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा RSS के मुख्यालय ,विपक्ष ने सरकार को...

चीन का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा RSS के मुख्यालय ,विपक्ष ने सरकार को घेरा।

एक चौंकाने वाली खबर आज सामने आई है जिसमें बताया गया है कि चीनी राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर मुख्यालय का दौरा करके आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन के कई डिप्लोमैट्स ने दिंसबर में नागपुर में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय का दौरा किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी राजनयिकों ने दिसंबर के पहले सप्ताह रेशिमबाग में आरएसएस स्मृति मंदिर परिसर का दौरा किया। आरएसएस के एक अधिकारी ने भी चीनी राजनयिकों के दौरे की पुष्टि की है।

खबर के बाद विपक्षी पार्टियों के उठाये सवाल,सरकार को घेरा

चीन के राजनयिकों द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय का दौरा किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी के नेता पवन खेड़ा ने पूछा है कि चीन के राजनायिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय क्यों गये? वहां क्या चर्चा हुई? क्या समझौते हुए?

चीनी राजनयिकों के इस दौरे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप से इतर सवाल उठता है, कि ऐसे वक्त में जब भारत में चुनाव करीब हैं क्या दोनों देशों की नीति एक दूसरे के प्रति बदली है? सवाल उठता है कि क्या चीन की ओर से RSS और भाजपा को खुश करने का प्रयास किया जा रहा है?

सवाल तो ये भी है कि क्या इस घटना का अमेरिका और कनाडा से भी कोई कनेक्शन है? अमेरिका ने बीते दिनों जिस तरह एक आतंकी को मारने का षडयंत्र रचने के लिए भारत पर आरोप लगाया और दबाव बनाने की कोशिश की क्या भारत उसी को काउंटर करने के लिए चीन से नजदीकी बढ़ा रहा है?

रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राजनयिकों का आरएसएस के मुख्यालय में ये पहला दौरा है। यह दौरा अहम है क्योंकि आरएसएस, चीन का वैचारिक विरोधी रहा है और वह पड़ोसी देश की विस्तारवादी नीति की अक्सर आलोचना भी करता रहा है।

आरएसएस के मुख्यालय में ही हेडगेवार स्मृति मंदिर है, जो प्रथम सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर है। आपको बता दें कि यूरोपीय देशों के डिप्लोमैट्स आरएसएस के अधिकारियों से मिलते रहे हैं।

इससे पहले 2021 में इजराइली दूत कोबी शोशानी ने आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया था। पिछले साल, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त अलेक्जेंडर एलिस ने भागवत से मुलाकात की थी। लेकिन यह पहला मौका है, जब चीन के राजनयिकों ने यह दौरा किया है।

जिन चीनी राजनयिकों ने संघ प्रतिष्ठान का दौरा किया उनमें से अधिकतर मिडिल रैंक के थे, जो दिल्ली और मुंबई में तैनात हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी राजनयिकों की संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात नहीं हो सकी क्योंकि वह बाहर कहीं प्रवास पर थे।

ऐसे में संघ के ही एक बड़े अधिकारी ने चीनी राजनयिकों का गर्मजोशी स्वागत किया और उन्हें पूरे परिसर में घुमाया। बताया जा रहा है कि चीन के राजनयिकों की यह विजिट सामान्य ही थी और उन्होंने संघ के कामकाज को समझा और परिसर का दौरा किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here