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मराठा आरक्षण को लेकर 20 जनवरी से फिर आंदोलन: मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल करेंगे मनोज जारांगे; पिछली बार 9 दिन अनशन पर थे

तस्वीर जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में आमरण अनशन पर बैठे मनोज जारांगे की है। उन्होंने 25 अक्टूबर से 2 नवंबर तक अनशन किया था। - Dainik Bhaskar

तस्वीर जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में आमरण अनशन पर बैठे मनोज जारांगे की है। उन्होंने 25 अक्टूबर से 2 नवंबर तक अनशन किया था।

मराठा आरक्षण का प्रमुख चेहरा मनोज जारांगे ने चेतावनी दी है कि वे 20 जनवरी से मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन करेंगे। शनिवार (23 दिसंबर) को मनोज जरांगे बीड में हुई मराठा आरक्षण सभा में बोल रहे थे।

मनोज की इस सभा से पहले 200 जेसीबी से उन पर फूल बरसाए गए, जबकि पूरे कार्यक्रम स्थल पर हेलिकॉप्टर से फूलों की बरसात की गई।

मनोज ने अक्टूबर में 9 दिन का अनशन किया था। तब उन्होंने सरकार को आरक्षण लागू करने 2 जनवरी तक का समय दिया था।

मनोज ने कहा: छगन भुजबल की बात मत सुनो
ऐलान करते हुए मनोज ने कहा- हम अपने हक का आरक्षण चाहते हैं, यही हमारी लड़ाई है। हम सरकार से अपील करते हैं कि हम सभी का दर्द एक जैसा है, आरक्षण मिलने तक मराठा पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को समझदारी भरा रुख अपनाना चाहिए, मंत्री छगन भुजबल की बात न सुनें, अगर एक बार पूरा समाज परेशान हो जाए तो अपना मामला साफ समझिए।

मनोज ने यह भी कहा- मेरे मराठों को परेशान मत करो, तुमने एक बार कोशिश की थी। अब सावधान हो जाओ। हर कोने में मराठा समुदाय आक्रामक हो गया है। अगर आपने छगन भुजबल की बात मानी और मराठों के साथ अन्याय किया तो इसका नतीजा बुरा होाग।

मनोज ने अक्टूबर में आमरण अनशन किया था
2 सितंबर 2023 को मनोज ने अंतरवाली सराटी गांव में पहली बार भूख हड़ताल की थी। तब पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की। गांववालों ने विरोध किया, तो लाठीचार्ज कर दिया। इसी के बाद आंदोलन तेज हो गया था।

इसके बाद वे दोबारा आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से अनशन पर बैठे थे। जिसे 2 नवंबर को खत्म किया था। 9 दिन तक चले अनशन को खत्म करने से एक दिन पहले मनोज ने पानी पीना भी छोड़ दिया था।

हालांकि तब, महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे और उनके प्रतिनिधि मंडल ने जारांगे से मिलकर उनका अनशन तुड़वाया था। बाद में मनोज ने आरक्षण लागू करने के लिए सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया था।

14 दिन में गई थी 27 की जान
अक्टूबर में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया था। तब 14 दिन में 27 लोगों ने जान दी थी। 1 नवंबर को भी हिंगोली जिले में 2 लोगों ने सुसाइड किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री का प्रतिनिधि मंडल जारांगे से मिलने अनशन स्थल पर पहुंचा था।

महाराष्ट्र CM ने कहा था​​​​​​​- एक महीने में कलेक्ट करें जानकारी
शिंदे ने 3 नवंबर को मुंबई में कमिश्नर और कलेक्टरों की मीटिंग में यह निर्देश दिया था कि कुनबी रिकॉर्ड ट्रेसिंग को मिशन मोड में लागू किया जाएगा। उर्दू और मोडी लिपि (जिसका उपयोग पहले मराठी लिखने में होता था) में लिखे रिकॉर्ड्स ट्रांसलेट करवाकर, उनकी जांच करवाई जाए और उन्हें वेबसाइट पर अपलोड किया जाए।

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