प्रदीप कुमार शर्मा (एडिटर इन चीफ़) की कलम से…✍️
वर्तमान समय में सोशल मीडिया का प्रभाव इतना गहरा हो चुका है कि हर पल को कैमरे में कैद करने की होड़ लगी हुई है। सेल्फी लेना, रोमांचकारी रील बनाना और तेज रफ्तार में कार या बाइक चलाना आज के युवाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। परन्तु, इस क्षणिक आनंद के पीछे छिपा हुआ खतरा शायद ही कोई समझ पाता है। कल ही, वाराणसी में एक दुखद घटना घटी, जहां सेल्फी के चक्कर में एक लड़की और दो लड़कों ने अपनी जान गंवा दी। यह घटना एक बार फिर से हमें याद दिलाती है कि कुछ सेकंड का आनंद किस तरह से पूरी जिंदगी को तबाह कर सकता है।
सेल्फी का खतरनाक आकर्षण
आज के युवा अपने हर खास पल को कैमरे में कैद करना चाहते हैं। चाहे वह नदी का किनारा हो, पहाड़ की चोटी, या फिर चलती ट्रेन की छत, सेल्फी का जुनून उनके भीतर गहरे तक बसा हुआ है। लेकिन, यह जुनून कई बार जानलेवा साबित होता है। गंगा, समुद्र, पहाड़, सड़क, और रेलवे ट्रैक जैसी जगहों पर सेल्फी लेते हुए हर साल हजारों युवा अपनी जान गंवा रहे हैं। उनके लिए यह कुछ क्षण का रोमांच होता है, लेकिन उनके परिवारों के लिए यह जीवनभर का दुख और पश्चाताप बन जाता है।
परिवार पर टूटता है दुख का पहाड़
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी एक लापरवाही आपके परिवार पर कितना बड़ा दुख ला सकती है? जो माता-पिता अपने बच्चों के लिए सपने देखते हैं, उनके जीवन का सारा सुख-चैन पल भर में खत्म हो जाता है। जब कोई युवा अपनी जान गंवाता है, तो उसके बाद उसके परिवार के सदस्यों की जिंदगी मानो रुक जाती है। उनके जीवन का हर पल एक सजीव मौत की तरह होता है। क्या वह खुशी, वह रोमांच, वह सेल्फी, वह रील इस दर्द और दुख के मुकाबले कुछ भी महत्व रखता है?
तेज रफ्तार का नशा
आजकल के युवाओं में तेज रफ्तार में बाइक या कार चलाने का क्रेज भी खूब देखा जा रहा है। उन्हें यह महसूस होता है कि तेज रफ्तार में सड़कों पर फर्राटे भरना उनकी मर्दानगी का प्रतीक है। लेकिन, यह मर्दानगी उन्हें और उनके परिवार को क्या देती है? दुर्घटनाओं में मौत या जिंदगीभर का अपंग जीवन? और इसके साथ ही उनके परिवार का जीवनभर का दर्द और संघर्ष। क्या कुछ क्षण की मस्ती और उत्साह के लिए यह कीमत चुकाना सही है?
युवाओं के लिए एक संदेश
आज का युवा केवल अपने लिए जी रहा है, जबकि उसका परिवार उसकी खुशी के लिए जीता है। अगर आप अपने परिवार की खुशी, उनके सपनों और उनके जीवन की कद्र करते हैं, तो अपनी जान की कीमत समझें। एक छोटी सी लापरवाही आपके साथ-साथ आपके परिवार की पूरी जिंदगी को तबाह कर सकती है। यह समझें कि जीवन अनमोल है और इसे बेकार की चीजों में गंवाना सबसे बड़ा अपराध है।
इसलिए, अगली बार जब आप सेल्फी लेने, रील बनाने या तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की सोचें, तो एक पल रुक कर सोचें कि यह आनंद, यह खुशी आपके जीवन से बढ़कर नहीं है। अगर आप अपने परिवार से सच में प्यार करते हैं, तो उन्हें इस अनंत दुख से बचाने के लिए जिम्मेदार बनें। अपनी जिंदगी को केवल खुद के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार और अपने प्रियजनों के लिए भी जीएं। इस रोमांच में कुछ नहीं रखा, सिवाय असीम दुख के, जो आप और आपका परिवार जिंदगी भर सहते रहेंगे।