बदायूं में नाबालिगों के तेज रफ्तार वाहन, सरकार के सख्त कानूनों के बावजूद पुलिस, स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की लापरवाही जारी है।
बदायूं में सरकार द्वारा नाबालिग बच्चों के दोपहिया और चारपहिया वाहनों के संचालन पर सख्त कानून बनाने के बावजूद, शहर में यह लापरवाही आम होती जा रही है। ट्रैफिक पुलिस और स्कूल प्रबंधन की निष्क्रियता के चलते नाबालिग छात्र धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, और उनके अभिभावक भी इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बुलेट मोटरसाइकिल से हादसा, स्थानीयों में आक्रोश
एक ताजा उदाहरण में, कल दोपहर बिरूआ वाड़ी मंदिर के सामने एक बुलेट मोटरसाइकिल ने एक कुत्ते को टक्कर मार दी, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, मोटरसाइकिल पर ब्लूमिंग डेल स्कूल के छात्र थे और वाहन का नंबर UP 81DE 8391 था, जिस पर ADEEL लिखा हुआ था। इस घटना ने स्थानीयों में आक्रोश पैदा कर दिया है और वे ट्रैफिक पुलिस व स्कूल प्रबंधन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
बच्चों की तेज रफ्तार से खतरा, नियमों की अनदेखी
शहर के विभिन्न इलाकों में, खासकर स्कूल और कोचिंग के रास्तों पर, नाबालिग बच्चे एक ही बाइक पर 3-4 बच्चों को बिठाकर तेज रफ्तार में सड़कों पर दौड़ाते नजर आते हैं। ये बच्चे न केवल अपने जीवन को खतरे में डालते हैं, बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी बड़ा जोखिम पैदा कर रहे हैं। इस स्थिति में ट्रैफिक पुलिस और स्कूल प्रशासन का कोई सख्त कदम न उठाना चिंता का विषय है।
कानूनों का पालन न करने पर सवाल
सरकार ने नाबालिगों द्वारा वाहनों के संचालन पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाए हैं, लेकिन इन कानूनों का पालन कराने में पुलिस, स्कूल प्रबंधन और अभिभावक पूरी तरह से विफल हो रहे हैं। इस लापरवाही के चलते नाबालिग बच्चों के लिए खतरा और भी बढ़ गया है। सवाल यह उठता है कि कब तक इन नियमों की अनदेखी की जाएगी और कब तक निर्दोष लोग इस लापरवाही का खामियाजा भुगतेंगे?
बदायूं में इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन और स्कूल प्रबंधन को कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि नाबालिगों द्वारा तेज रफ्तार में वाहन चलाने की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अभिभावकों को भी अपने बच्चों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
अभिभावकों की जिम्मेदारी पर सवाल
सरकार द्वारा बनाए गए सख्त कानूनों के बावजूद, अभिभावक अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे ऐसे हादसे हो रहे हैं। सवाल उठता है कि कब तक यह लापरवाही जारी रहेगी और निर्दोष जानवरों और लोगों की जान जोखिम में रहेगी?