

बदायूं। शहर में अंडरग्राउंड बिजली के बॉक्स से करंट उतरने के कारण अब तक सैकड़ों बेजुबान पशुओं की जान जा चुकी है, साथ ही कई लोगों की भी इस वजह से मौत हो चुकी है। इसके बावजूद बदायूं का बिजली विभाग, जनप्रतिनिधि, और प्रशासन आँखें बंद करके बैठा हुआ है। यह लापरवाही न केवल मानव जीवन के लिए बल्कि निर्दोष पशुओं के लिए भी जानलेवा साबित हो रही है।
ग्राम प्रधान की लापरवाही से गौमाता की मौत
जिला बदायूं के ग्राम खेड़ा बुजुर्ग, ब्लॉक जगत थाना सिविल लाइन में शीतला माता के मंदिर के पास एक और दर्दनाक घटना हुई, जहां अंडरग्राउंड बिजली के बॉक्स से करंट लगने से एक गौमाता की मौत हो गई। यह घटना इसलिए और भी दुखद हो जाती है क्योंकि ग्राम प्रधान को बार-बार ग्रामीणों द्वारा बिजली के बॉक्स में करंट की समस्या से अवगत कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रधान की इस गंभीर लापरवाही के कारण अब एक निर्दोष गौमाता को अपनी जान गंवानी पड़ी।
बिजली विभाग और प्रशासन की अनदेखी
यह पहली बार नहीं है जब बदायूं में अंडरग्राउंड बिजली के बॉक्स से करंट उतरने के कारण किसी जानवर या इंसान की जान गई हो। लेकिन बिजली विभाग और प्रशासन की ओर से इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। संबंधित विभाग की अनदेखी के चलते अब तक कई निर्दोष बेजुबान पशु और मनुष्य अपनी जान गंवा चुके हैं। लोगों का कहना है कि विभाग की ओर से लापरवाही का आलम यह है कि उनकी आंखों पर जैसे पट्टी बंधी हुई है, जो उन्हें इन दुर्घटनाओं की गंभीरता देखने से रोक रही है।
अंतिम संस्कार न होने पर जनता में आक्रोश
ग्राम प्रधान की लापरवाही का यह सिलसिला यहां भी खत्म नहीं होता। गौमाता की मौत के बाद से अब तक उसका अंतिम संस्कार भी नहीं किया गया है, जिससे जनता में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह से अब तक गौमाता का शव वहीं पड़ा हुआ है, लेकिन प्रधान की ओर से कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में गुस्से की लहर पैदा कर दी है।
आवश्यक कार्रवाई की मांग
इस घटना ने न केवल ग्राम प्रधान की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि प्रशासन और बिजली विभाग की अनदेखी को भी सामने ला दिया है। ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आगे ऐसी दुखद घटनाएं न हों और दोषियों को जवाबदेह ठहराया जा सके।