नोएडा में डिजिटल अरेस्ट: 48 घंटे के आतंक
नोएडा में साइबर ठगों ने महिला डॉक्टर को अश्लील वीडियो भेजकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और 59 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने डॉक्टर की बेटी को किडनैप करने की धमकी दी और दो दिनों तक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट रखा।
ठगी की शुरुआत
महिला डॉक्टर ने बताया कि 13 जुलाई को उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का कर्मचारी बताया। पहले तो वह डॉक्टर को कई फेक कॉल के बारे में अलर्ट करता रहा, फिर कहा कि आपके फोन से लगातार पोर्न वीडियो भेजे जा रहे हैं। इसके बाद डॉक्टर को डराया गया और पोर्न वीडियो उनके वॉट्सऐप पर भेजे जाने लगे।
धमकियों का सिलसिला
डॉक्टर को बताया गया कि कॉल मुंबई के तिलक नगर पुलिस स्टेशन ट्रांसफर की जा रही है। इसके बाद एक व्यक्ति ने पुलिस वाला बनकर कहा कि डॉक्टर पोर्न स्कैम में शामिल हैं और उनके नाम पर अरेस्ट वारंट जारी होगा। इसके बाद ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनाने की धमकी दी और कहा कि डॉक्टर के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज हो रहा है।
बेटी के अपहरण की धमकी
महिला डॉक्टर ने बताया कि ठग लगातार अलग-अलग नंबर से फोन करते रहे और उन्हें अकाउंट डिटेल्स, पासवर्ड और बैंक संबंधित दस्तावेज देने पर मजबूर किया। जब डॉक्टर ने इनकार किया, तो ठगों ने बेटी को उठाने की धमकी दी।
खाते खाली, थाने में रिपोर्ट
13 जुलाई को शुरू हुआ यह सिलसिला 14 जुलाई को तब खत्म हुआ, जब ठगों ने डॉक्टर का अकाउंट पूरी तरह खाली कर दिया। इसके बाद डॉक्टर ने थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस की कार्रवाई
साइबर पुलिस के अनुसार, ठगों ने दो बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए, एक खाता जयपुर का और दूसरा अहमदाबाद का है। ACP साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने बताया कि 22 जुलाई को FIR दर्ज की गई और जालसाजों के खातों की पड़ताल की जा रही है।
यूपी में राजस्थान का गैंग सक्रिय
राजस्थान के सीकर और अजमेर का गैंग यूपी में सक्रिय है। 14 जुलाई को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले राजस्थान के सीकर गिरोह का पर्दाफाश किया गया था।
डिजिटल अरेस्ट से बचाव के उपाय
- संभावित कॉल्स: नारकोटिक्स, साइबर क्राइम, IT या ED अफसर के नाम से कॉल आ सकती है।
- अपनी गलती बताएंगे: कॉल करने वाले आपकी वो गलती बताएंगे जो आपको पता नहीं हो।
- डिजिटल अरेस्ट की जानकारी: कॉल करने वाले डिजिटल अरेस्ट करने की जानकारी देंगे।
- कैमरे के सामने रहना: डिजिटल अरेस्ट में 24×7 एक कमरे में कैमरे के सामने रहना पड़ता है।
- सावधानी: डर लगने पर घरवालों से बात करें और नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाएं।
- ऐप डाउनलोड न करें: कॉल करने वाले का बताया कोई ऐप डाउनलोड न करें।
- फॉरमैट करें: अगर ऐप डाउनलोड कर दिया है, तो उसे डिलीट करें, फोन फॉरमैट करें और एंटीवायरस डालें।
- जल्दी रिपोर्ट: जितना ज्यादा समय बीतेगा, पैसा वापिस आने के चांसेज उतने कम होते हैं।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए सतर्क रहें और कोई भी संदेहास्पद कॉल आने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।