
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उमर ने साजिश के तहत सोशल मीडिया पर झूठा नैरेटिव फैलाया था।
पुलिस की तरफ से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) ने मंगलवार (9 अप्रैल) को कोर्ट में उमर की सोशल मीडिया चैट पेश करते हुए ये दलीलें दीं।
SPP ने कहा कि उमर ऐसे लोगों के संपर्क में था, जिनके सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं। इनमें जिग्नेश मेवाणी, योगेंद्र यादव, पूजा भट्ट, स्वरा भास्कर सहित न्यूज आउटलेट The Wire और The Alt शामिल थे।

दिल्ली दंगे का आरोपी उमर खालिद JNU का पूर्व छात्र है।
साजिश से लेकर दंगे तक उमर का नाम हर जगह
पुलिस ने आगे कहा कि उमर ने इनसे सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस के विरोध में पोस्ट करने का अनुरोध किया था। SPP ने कहा कि आरोपी का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगे होने तक सभी जगह आ रहा है। उमर ने ‘हम भारत के लोग’ नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर लोगों से कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद विरोध प्रदर्शन करें।

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में 23 से 26 फरवरी 2020 के बीच दंगे हुए थे। (फाइल फोटो)
उमर के पिता को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं: पब्लिक प्रॉसिक्यूटर
सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने उमर के पिता का एक इंटरव्यू भी पेश किया, जिसमें वे कह रहे हैं कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है। उमर ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है इसलिए वे ट्रायल कोर्ट में आए हैं।
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने आरोपी के लंबे समय से कस्टडी में होने और मामले में तीन अन्य को जमानत दिए जाने के आधार को भी खारिज किया।
यह है पूरा मामला
उमर खालिद साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का आरोपी है। तब CAA और NRC के विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे। जिसमें 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उमर UAPA के तहत सितंबर 2020 से ही जेल कस्टडी में है।