
नगालैंड की एक लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को पहले फेज के चुनाव में 56% वोटिंग हुई थी।
चार लाख से ज्यादा वोटर और 738 मतदान केंद्र। फिर भी जीरो वोटिंग। 19 अप्रैल को यह तस्वीर थी पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड के छह पूर्वी जिलों की। जहां ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) की धमकी के बाद एक भी वोटर घर के बाहर नहीं निकला। दिलचस्प बात यह है कि इन 6 जिलों के 20 विधायकों ने भी वोट नहीं डाला।
दरअसल, संगठन नगालैंड से अलग होकर फ्रंटियर नगालैंड बनाने की मांग कर रहा है। इसे लेकर मोन, द्वेसांग, किफिरे, लोंगलेंग, नोकलाक और शामाटोर जिलों में बीते दो महीने से लगभग सब कुछ बंद है। बाजार बमुश्किल खुल रहे हैं और स्कूल जब संगठन कह दे, तब बंद कर दिए जा रहे हैं।
यहां के हालात पर जब भास्कर ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से बात की तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि स्थानीय लोगों ने वही किया, जो उन्हें अच्छा लगा। सरकार इस मुद्दे पर ENPO के साथ कोई टकराव नहीं चाहती। इसलिए हम ज्यादा दखल नहीं देंगे।

19 अप्रैल को 6 जिलों में 738 मतदान केंद्र बनाए गए थे, लेकिन वोटर्स नहीं पहुंचे।
आम लोग बोले- सरकारी दफ्तरों में हाजिरी लग रही, काम बंद
मोन जिले के निवासी एन. खोंगजाम ने बताया कि 6 जिलों में कभी आंशिक तो कभी बेमियादी बंद ने हमारी कमर तोड़ दी है। इससे जनजीवन और धंधा बंद है। फिर भी लोग ENPO का साथ दे रहे हैं।
मोन जिले के अंगजंगयांग गांव के रहने वाले एलके चिशी राजधानी कोहिमा में एक निजी फर्म में नौकरी करते हैं। परिवार गांव में ही रहता है। वह बताते हैं कि बंद के चलते राशन सप्लाई निरंतर नहीं होपा रही है। जरूरी वस्तुएं पड़ोसी राज्यों से नहीं आ पा रही हैं, क्योंकि नाकों पर भी बंदी हो रही है।
ENPO का आरोप- बंद के लिए सरकार जिम्मेदार
ENPO प्रमुख आर. सापिकिउ सांगताम का कहना है कि हम हिंसा नहीं चाहते, इसलिए हमने चुनाव पर बंद वापस ले लिया था। ईएनपीओ के सचिव डब्ल्यू मावांग कोन्याक का कहना है कि गतिरोध के लिए सरकार का रवैया जिम्मेदार है।

अलग राज्य की मांग को लेकर ENPO फरवरी से विरोध-प्रदर्शन कर रहा है।
फ्रंटियर नगालैंड की मांग वाले 6 जिलों में भाजपा के 4 विधायक
नगालैंड राज्य में भाजपा नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) की अगुवाई वाले एनडीपीपी गठबंधन की सरकार है। मोन जिले की तिजिद सीट से भाजपा नेता पी. पाइवांग कोन्याक स्वास्थ्य मंत्री हैं। दूसरी तरफ, द्वेनसांग सदर-2 सीट पर भी भाजपा नेता पी. वासंगमोंग्बा चांग मंत्री हैं।
जहां ईस्टर्न नगालैंड या फ्रंटियर नगालैंड की मांग है, उन 6 जिलों के कुल 20 विधायकों में से 4 भाजपा के हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 12 और एनपीएफ ने 25 सीटें जीती थीं।
19 अप्रैल को एक लोकसभा सीट पर 56% वोटिंग हुई थी
नगालैंड में कुल 16 जिले हैं और 60 विधानसभा सीटें हैं। नए राज्य की मांग वाले 6 जिलों में 20 विधानसभा सीटें हैं और यहां राज्य की 30% आबादी रहती है। नगालैंड में एक लोकसभा सीट है। जिस पर इस बार 19 अप्रैल को 56% वोटिंग हुई, जबकि 2019 में 83.03% वोटिंग हुई थी।