उझानी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास दूसरे दिन भी सांड़ आ धमका। सांड़ कूड़ेदान में पड़े अनार और मौसमी के छिलके के आसपास ही मंडराता रहा। वह हालांकि अस्पताल परिसर में नहीं घुसा, लेकिन चिकित्साधीक्षक ने इसके लिए जूस विक्रेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। बोले- जूस वाले छिलके अस्पताल के आसपास फेंकना बंद कर दें तो सांड़ नहीं आएंगे।
चिकित्साधीक्षक राजकुमार गंगवार ने इसे लेकर शुक्रवार को पालिका कर्मियों से भी सहयोग मांगा है। गंगवार ने बताया कि अस्पताल के आसपास सांड़ों की आवाजाही किसी भी मरीज की जान पर भारी पड़ सकती है। अस्पताल गेट के पास जूस के ठेले लगे हैं। जूस विक्रेता मौसमी और अनार के छिलके फेंक देते हैं। ठेला-खोमचा वाले इस्तेमाल हो चुके दोना-पत्तल पालिका के कूड़ेदान में डाल जाते हैं, जिसे खाने के लिए सांड़ चले आते हैं। इस पर अंकुश नहीं लगा तो मरीजों के साथ ही राहगीर भी चपेट में आते रहेंगे। इधर, ईओ अब्दुल शबूर ने बताया कि अस्पताल गेट के आसपास जूस विक्रेताओं ने छिलके फेंके तो उनके ठेला हटवा दिए जाएंगे।
दिल्ली हाईवे पर भी छुट्टा जानवरों का कब्जा
दिल्ली हाईवे पर भी छुट्टा जानवरों ने कब्जा कर रखा है। बदायूं और जरीफनगर तक खासकर आबादी क्षेत्र से सड़क के डिवाइडर तक रोजाना ही छुट्टा जानवरों के झुंड में सांड़ बैठे मिल जाते हैं। कभी-कभी तो चालकों को वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाना पड़ जाता है। छुट्टा जानवरों के झुंड की वजह से राहगीरों की जान पर जोखिम बना हुआ है।
सांड़ की चपेट में आने से बाइक सवार घायल
उझानी के मिल कंपाउंड निवासी छत्रपाल सिंह दिल्ली में सिलाई का काम करते हैं। वह शुक्रवार तड़के करीब चार बजे बाइक से दिल्ली के लिए निकले तो जरीफनगर के पास सड़क पर दौड़ पड़े सांड़ ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। दहगवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के बाद परिजन उन्हें लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। छत्रपाल के कंधे और हाथ की उंगली में फ्रेक्चर हो गया है।
उझानी में अस्पताल गेट के पास कूड़ेदान के पास छिलके खाता सांड़। संवाद
उझानी में अस्पताल गेट के पास कूड़ेदान के पास छिलके खाता सांड़। संवाद