होम राज्य उत्तर प्रदेश बसपा के सियासी कदम से बदला बदायूँ में चुनावी समीकरण – अमर...

बसपा के सियासी कदम से बदला बदायूँ में चुनावी समीकरण – अमर उजाला हिंदी न्यूज़ लाइव

बसपा के सियासी कदम से बदला चुनावी समीकरण बदायूँ

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बसपा ने मुस्लिम कार्ड के रूप में जो सियासी चाल चली है, उससे बदायूं लोकसभा सीट के समीकरण बदल गए हैं। सपा और भाजपा के रणनीतिकार नफा-नुकसान का आकलन कर नए सिरे से चुनाव प्रबंधन करने में जुट गए हैं। अनुसूचित जाति के मतों में बिखराव रोकने लिए भाजपा ने इसी बिरादरी के पार्टी विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। उधर, सपा के सामने मुस्लिम मतों को सहेजने की चुनौती है। बसपा भाईचारा कमेटियों को सक्रिय कर हर बिरादरी में पकड़ बनाने की तैयारी में है।

बदायूं लोकसभा क्षेत्र से सपा ने आदित्य यादव, भाजपा ने दुर्विजय सिंह शाक्य और बसपा ने पूर्व विधायक मुस्लिम खां को चुनावी रण में उतारा है। तीनों ही उम्मीदवार पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। तीनों ही अपनी पार्टियों के परंपरागत और स्वजातीय मतों के आधार पर बाजी मारने की जुगत में हैं। बसपा के दांव ने सबसे ज्यादा सपा के समीकरण प्रभावित किए हैं। बसपा से मुस्लिम खां के मैदान में आने से सपा को मुस्लिम मतों में बंटवारे का खतरा सता रहा है।

चार लाख मुस्लिम मतों पर है सपा-बसपा की नजर

बसपा का उम्मीदवार घोषित होने से पहले तक करीब चार लाख मुस्लिम मतों पर सपा की ही सबसे मजबूत दावेदारी थी। अब जबकि बसपा ने मुस्लिम खां को चुनाव मैदान में उतार दिया है तो मतों के बंटवारे का अंदेशा पैदा हो गया है। इसको देखते हुए सपा नेतृत्व ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी और पूर्व विधायक आबिद रजा को विभाजन रोकने के लिए सक्रिय कर दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here