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resident of Kashmir Azad Yusuf Kumar stuck in russia-Ukraine war in the name of job in abroad | दुबई में नौकरी का वादा किया, यूक्रेन-रूस युद्ध में भेजा: वीजा फर्म-19 लोगों पर धोखाधड़ी की FIR; CBI ने 13 पीड़ित परिवारों से पूछताछ की

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  • कश्मीर निवासी आजाद यूसुफ कुमार विदेश में नौकरी के नाम पर रूस यूक्रेन युद्ध में फंस गए

श्रीनगर19 मिनट पहले

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विदेश में नौकरी के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्ध में मानव तस्करी करने वाली कंसल्टेंसी का CBI ने 8 मार्च को खुलासा किया था। भारतीय युवाओं को धोखे से रूस भेजने के मामले में एजेंसी ने 19 लोगों और कंसल्टेंसी के खिलाफ केस भी दर्ज किया था। साथ ही रूसी एजेंट का पता भी लगाया है।

CBI ने रविवार (31 मार्च) को कश्मीर के रहने वाले आजाद यूसुफ कुमार के परिवार से मुलाकात की। आजाद के परिवार के लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं।

आजाद उन लोगों में शामिल है जिसे कंसल्टेंसी ने विदेश में नौकरी के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्द में भाड़े के सैनिक के रूप में भेजा है। आजाद इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है। वो दुबई में नौकरी की तलाश के चलते कंसल्टेंसी के संपर्क में आया था।

यह तस्वीर रूस-यूक्रेन जंग की है।

यह तस्वीर रूस-यूक्रेन जंग की है।

शानदार नौकरी का लालच, भाड़े पर युद्ध में लड़ने भेजा
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, आजाद के बड़े भाई सज्जाद अहमद कुमार ने बताया कि CBI ने मेरे भाई के बारे में पूछताछ की। एजेंसी मुझे दिल्ली स्थित कार्यालय बुला रही थी लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते मैं जा नहीं सका।

सज्जाद का कहना है कि एजेंसी ने 12 और भारतीय युवकों के परिवारों से संपर्क किया है। हम चाहते हैं कि वे सभी सुरक्षित वापस आ जाएं।

CBI की जांच में सामने आया है कि विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंटों ने भारतीय युवकों को रूस में शानदार नौकरी का लालच दिया।

कश्मीर के रहने वाले आजाद के साथ भी ऐसा ही हुआ। वह पुलवामा से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है। दुबई में नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान वह कंसल्टेंसी के संपर्क में आया।

परिवार के मुताबिक, यूट्यूबर फैसल खान के कहने पर 14 दिसंबर 2023 को आजाद दुबई के रवाना हुआ था। वहां से उसे रूस भेज दिया गया। उसे कहा गया कि वहां कुक की नौकरी है और अच्छा पैसे मिलेंगे।

रूस-यूक्रेन सीमा पर है आजाद, गोली भी लगी
परिवार के मुताबिक, आजाद से कुछ दिन पहले बात हुई थी। उसने बताया था कि वह इस वक्त रूस-यूक्रेन सीमा पर है। उसने अपनी जान को खतरा बताया है। आजाद का कहना है कि उससे जबरदस्ती एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कराए गए, जो रूसी भाषा में था।

परिवार ने मुताबिक, आजाद ने बताया था कि रूस पहुंचने पर उसे 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई थी। इसके बाद अन्य भारतीयों और रूसी सेना के साथ फ्रंट लाइन पर लड़ने भेज दिया। उसे गोली भी लगी थी, जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती रहा था।

आजाद शाम के वक्त 2-3 मिनट के लिए कॉल करता है। वे लोग ब्लैक सी के आगे है। वहां जंगलों में बंकर बना कर रहे हैं।

आजाद का ढाई महीने का बेटा
परिवार ने कहा कि आजाद का ढाई महीने के बेटा है, जिससे वो अभी तक मिला भी नहीं है। हमने उसकी वापसी के लिए भारत सरकार से गुहार लगाई है। लेकिन इस मामले में ज्यादा कार्रवाई नहीं हुई है।

हमने सारे कागज भारतीय अधिकारियों को सौंपे हैं। जो रूसी अधिकारी को उपलब्ध कराए गए हैं। हम चाहते हैं कि आजाद को जल्द से जल्द सकुशल भारत वापस लाया जाए। वहां उसकी जान को खतर है।

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