भगवान शिव की रात्रि, वह समय है जब अभ्यासकर्ताओं को जागते रहने और दिव्य ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया और इसके निवासी शिव के बिना अधूरे हैं, क्योंकि शिव से ‘मैं’ हटा देने से केवल एक निर्जीव शरीर रह जाता है। यह दिन व्यक्ति के लिए आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने का सबसे अच्छा अवसर माना जाता है।
महा शिवरात्रि के दौरान प्रमुख प्रथाओं में से एक भगवान शिव के रूप का ध्यान करना है, जो प्रत्येक तत्व के पीछे के प्रतीकवाद में गहरी अंतर्दृष्टि प्रकट करता है:
- माथे पर चंद्रमा: शिव के माथे पर अर्धचंद्र व्यक्ति की बुद्धि को शांत और ठंडा रखने के महत्व का प्रतीक है।
- साँप: शिव के गले में साँप इच्छाओं से दूर रहने की आवश्यकता को दर्शाता है, जो विनाश का कारण बन सकती है।
- Kamandalu: जल पात्र (कमंडलु) किसी के व्यक्तिगत और पारिवारिक रहस्यों को छिपाकर रखने के महत्व का प्रतीक है।
- Trident (Trishul): भगवान शिव द्वारा धारण किया गया त्रिशूल राजस, तमस और सत्व के तीन गुणों का प्रतिनिधित्व करता है। सृष्टि संचालन के लिए ये गुण आवश्यक हैं।
- कैलाश पर्वत: कैलाश पर्वत पर शिव का निवास जीवन में ऊंचे रास्ते चुनने के महत्व को दर्शाता है।
महा शिवरात्रि पूजा का समय और अनुष्ठान
महा शिवरात्रि व्रत पूजा प्रदोष काल में शुरू होती है और शुभ शिव योग आधी रात 12:05 बजे तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग लगेगा, जो उसके बाद शुरू होगा। धनिष्ठा नक्षत्र योग सुबह 8:12 बजे से अगले दिन शनिवार सुबह 6:42 बजे तक रहेगा।
दुनिया भर के मंदिर पूरे दिन जलाभिषेक (जल चढ़ाने की रस्म) करते हैं, और चार खंडों में विशेष पूजा समारोह किए जाते हैं। माना जाता है कि जो जोड़े महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
Significance of Abhishek on Maha Shivaratri
– मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिर में साधारण जल में गंगाजल मिलाकर चढ़ाएं।
– धन प्राप्ति के लिए शहद से शिव लिंग का अभिषेक करें।
– गर्भधारण में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए शिव लिंग पर देसी घी चढ़ाएं।
– जन्म कुंडली में ग्रह दोष हो तो सरसों के तेल से अभिषेक करें।
-शिव लिंग पर जलाभिषेक के साथ बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है।
– शम्मी के पत्ते, बेला के फूल और हरसिंगार के फूल चढ़ाने से भी समृद्धि आती है।
इस महा शिवरात्रि पर, भगवान शिव के तत्वों के प्रतीकवाद में गहराई से उतरें और ब्रह्मांड के रहस्यों को खोलें।