“अपनी गलतफहमियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए उन्हें दूर करें।”
प्रसिद्ध ज्योतिषी और लेखक डॉ प्रेम कुमार शर्मा और उनकी बेटी और सहयोगी Manisha Koushik एक रोशन कृति का अनावरण करते हुए खुशी हो रही है: राहु और केतु में भविष्यसूचक ज्योतिष: उत्तर और दक्षिण नोड चाँद की।”
चंद्रमा के इन दो प्रमुख नोड्स को अक्सर लोग गलत समझते हैं और यही कारण है कि वे उनसे डरते हैं। वर्तमान पुस्तक पाठकों को प्रबुद्ध करने और उनके दिमाग को साफ करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह पुस्तक ज्योतिष में रुचि रखने वालों और भाग्य पर ग्रहों के प्रभाव में विश्वास करने वालों दोनों के लिए है। दोनों लेखक इस पुस्तक में राहु और केतु के प्रभावों को उजागर करते हैं और वास्तविक सच्चाई को सामने लाते हैं। भविष्यसूचक ज्योतिष में राहु और केतु:
चंद्रमा के उत्तर और दक्षिण नोड सभी स्तरों के पाठकों को पूरी तरह से उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
डॉ. शर्मा का लगभग चार दशक का अनुभव इस पुस्तक का मार्गदर्शन आधार है। उनकी बेटी मनीषा कौशिक की विशेषज्ञता ने उन्हें चंद्रमा के इन दो नोडल बिंदुओं और वैदिक ज्योतिष में उनके महत्व के बारे में लोगों को बेहतर ढंग से शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया है।
इस पुस्तक से पाठक छुपे हुए सत्य को उजागर कर सकेंगे जिससे उन्हें बेहतर समझ होगी। कुछ प्रमुख हस्तियों की कुंडलियों में राहु और केतु का व्यावहारिक अनुप्रयोग पाठकों को उन्हें आसानी से समझा सकता है। तो, किताब पढ़ने लायक है।
लोगों की बढ़ती रुचि और विश्वास ही लेखकों को यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा मिली।
प्रसिद्ध ज्योतिषी और लेखक डॉ प्रेम कुमार शर्मा और उनकी बेटी और सहयोगी Manisha Koushik एक रोशन कृति का अनावरण करते हुए खुशी हो रही है: राहु और केतु में भविष्यसूचक ज्योतिष: उत्तर और दक्षिण नोड चाँद की।”
चंद्रमा के इन दो प्रमुख नोड्स को अक्सर लोग गलत समझते हैं और यही कारण है कि वे उनसे डरते हैं। वर्तमान पुस्तक पाठकों को प्रबुद्ध करने और उनके दिमाग को साफ करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह पुस्तक ज्योतिष में रुचि रखने वालों और भाग्य पर ग्रहों के प्रभाव में विश्वास करने वालों दोनों के लिए है। दोनों लेखक इस पुस्तक में राहु और केतु के प्रभावों को उजागर करते हैं और वास्तविक सच्चाई को सामने लाते हैं। भविष्यसूचक ज्योतिष में राहु और केतु:
चंद्रमा के उत्तर और दक्षिण नोड सभी स्तरों के पाठकों को पूरी तरह से उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
डॉ. शर्मा का लगभग चार दशक का अनुभव इस पुस्तक का मार्गदर्शन आधार है। उनकी बेटी मनीषा कौशिक की विशेषज्ञता ने उन्हें चंद्रमा के इन दो नोडल बिंदुओं और वैदिक ज्योतिष में उनके महत्व के बारे में लोगों को बेहतर ढंग से शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया है।
इस पुस्तक से पाठक छुपे हुए सत्य को उजागर कर सकेंगे जिससे उन्हें बेहतर समझ होगी। कुछ प्रमुख हस्तियों की कुंडलियों में राहु और केतु का व्यावहारिक अनुप्रयोग पाठकों को उन्हें आसानी से समझा सकता है। तो, किताब पढ़ने लायक है।
लोगों की बढ़ती रुचि और विश्वास ही लेखकों को यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा मिली।