जज ज्योत्सना राय केस: बदायूं में सिविल जज ज्योत्सना राय के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लटकने (हैंगिंग) से मौत पुष्टि हुई है। शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया गया। इसके लिए उझानी सीएचसी से डॉ. हरीश कुमार, जिला अस्पताल से डॉ. राजेश कुमार वर्मा और महिला अस्पताल से डॉ. अनामिका सिंह को बुलाया गया। तीनों ने संयुक्त रूप से शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई।
इधर, सूत्रों का कहना है कि पीठ पर नीले निशान देखे गए थे, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, ये निशान शव के काफी देर तक लटके रहने के कारण भी हो सकते हैं। शरीर पर किसी प्रकार की चोट का निशान नहीं मिला है।
मौत के पीछे वजह क्या रही, इसका कारण अभी तक सामने नहीं आया है। महिला जज का मोबाइल फोन कब्जे में लेकर नंबर सर्विलांस पर लगा दिया है। उनके नंबर की कॉल डिटेल भी निकलवाई जा रही है। मोबाइल फोन से मौत की वजह का खुलासा होने की उम्मीद है।
सिविल जज ज्योत्सना राय का शव शनिवार सुबह उनके सरकारी आवास में पंखे से रस्सी के सहारे लटका मिला था। शाम करीब साढ़े पांच बजे उनके माता-पिता आ गए थे। रात आठ बजे शव को मोर्चरी में रखवाया गया था और एफआईआर दर्ज कराई थी।
नजदीकी लोगों का कहना था कि महिला जज शुक्रवार रात करीब 11 बजे तक किसी से मोबाइल पर बात करती रहीं थीं। उनकी आवाज बाहर तक आ रही थी। माना जा रहा है कि मोबाइल फोन पर बात करने वाला व्यक्ति ही उनकी मौत की वजह हो सकता है। अभी पुलिस ने उसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। मामले की छानबीन कर रही है।