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यूपी के सत्यम पांडे ने आईआईटी खड़कपुर से आईआईटी में टॉप कर 40 लाख का पैकेज कैंपस सेलेक्शन में हासिल किया।

बांदा: कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, जो प्रतिभा के धनी होते हैं। वह अपने कारनामे से अपने माता-पिता और जिले का नाम रोशन करते हैं। यूपी के बांदा जिले के एक बेटे ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। आईआईटी में टॉप कर 40 लाख का पैकेज कैंपस सेलेक्शन में हासिल किया। जिले के अतर्रा कस्बे के लखन कॉलोनी निवासी डॉक्टर विजय पांडे के बेटे सत्यम पांडे ने आईआईटी खड़कपुर से बीटेक, एमटेक में टॉप किया है। इसके बाद सत्यम पांडे का चयन भी कैंपस प्लेसमेंट के अंतर्गत एक एक्सेन्चर कंपनी में 40 लाख पैकेज में हो गया है। इस उपलब्धि पर आईआईटी के निदेशक डॉक्टर बीके तिवारी ने सम्मानित किया और छात्र-छात्राओं को उनसे प्रेरणा लेने की नसीहत दी।

आज लाखों का सैलरी पैकेज
सत्यम के पिता डॉक्टर विजय कुमार पांडे ने बताया कि वो बचपन से ही पढ़ने में तेज था। सत्यम की प्रारंभिक शिक्षा बांदा में हुई। इसके बाद उसे पढ़ने के लिए कानपुर भेजा गया, जहां उसने कक्षा 6 से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा बीएनएसडी में पूरी की। इसके बाद उसने आईआईटी खड़गपुर में आगे की शिक्षा पूरी की। उन्होंने बताया कि जब हमें बेटे की इस सफलता की जानकारी मिली तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। वहीं रिश्तेदारों समेत अन्य घर पहुंच कर बधाई दे रहे हैं।पिता ने यह भी बताया कि उसको 56 लाख रुपये का प्लेसमेंट ऑफर मिला है, इन दिनों सत्यम बैगलोर में हैं. सत्यम का समय ज्यादातर पढ़ने लिखने में बीतता था, जिसकी बदौलत उन्होंने यह सफलता हासिल की है. 

पूरे परिवार का सम्मान बढ़ाया
जिले के अतर्रा कस्बे में रहने वाले स्व. प्रोफेसर दीनानाथ पांडे ने जनपद ही नहीं मंडल में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया था। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आज भी सम्मान के साथ याद किया जाता है। दीनानाथ पांडे के पौत्र और डॉक्टर विजय पांडे के बेटे सत्यम पांडे ने बीटेक, एमटेक में टॉप कर ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ की उक्ति को चरितार्थ कर दिया। चाचा डॉ. संजय पांडे ने कहा कि भतीजे की सफलता से बहुत खुश हूं। आज अगर उनके पिता प्रो. दीनानाथ पांडे जिंदा होते तो वह पौत्र की इस उपलब्धि पर बहुत खुश होते। उन्होंने कहा सत्यम की सफलता से पूरे परिवार का सम्मान बढ़ाया है।

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