नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर लगभग बनकर तैयार है. बरसों इंतजार के बाद श्रीरामलला राम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं. 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन और प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है. इस बीच भगवान राम की मूर्ति की पहली झलक सामने आ गयी है. गुरुवार रात रामलला की मूर्ति कि पहली झलक सामने आयी. मूर्ति को गर्भ गृह में रखा गया है.
प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी से ही अनुष्ठान शुरू हो गए हैं. 17 जनवरी (बुधवार) को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर कल लाया गया था और उसे आज गर्भगृह में पहुंचाया गया है. पहले इस रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर भ्रमण कराने का प्लान था, लेकिन मूर्ति का वजन होने के कारण इसकी जगह रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई.
22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे होगी प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6000 दिग्गज शामिल होंगे. इनमें 4000 संत भी शामिल होंगे.
अरुण योगीराज ने बनाया है मूर्ति
मैसूर के अरुण योगीराज ने भगवान राम की इस मूर्ति को बनाया है. अरुण योगीराज देश में सबसे अधिक चर्चित मूर्तिकारों में से एक हैं. योगीराज अरुण अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी में मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. अरुण अपने पिता और दादा के कार्यों से प्रभावित होकर मूर्ति कला के इस क्षेत्र में कदम रखा था. उनके पूर्वज मैसूर के राजा के समय से मूर्ति कला के क्षेत्र में कार्यरत थे. अरुण एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र में नौकरी की थी लेकिन वापस मूर्तिकला के क्षेत्र में लौट आए.
अरुण योगीराज देश में कई बड़ी हस्तियों और देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई है. इनमें इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे लगी सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी शामिल है. उन्होंने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति से लेकर मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी बनाया है.
7 दिन तक चलेगा प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 7 दिन तक चलेगा.
16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत हुई.
17 जनवरी को 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचा. रामलला की मूर्ति गर्भगृह में लाई गई.
18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे.
19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी. नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा.
20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा.
21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा.
22 जनवरी की सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा.
अयोध्या में चल रहे बड़े प्रोजेक्ट्स
अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बन रहा, बल्कि पूरी अयोध्या ही बदल रही है. यहां 30,923 करोड़ रुपये के 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. 37 डिपार्टमेंट इन प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटे हैं. UP हाउसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड ने 1200 एकड़ में न्यू अयोध्या टाउनशिप डेवलप करने का प्लान बनाया है. यहां स्टेट गेस्ट हाउस, रेसिडेंशियल अपार्टमेंट के अलावा होटल्स भी बनेंगे. सीवेज सिस्टम डेवलपमेंट, वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट, नए पावर स्टेशंस के साथ ही अंडरग्राउंड केबलिंग का काम भी हो रहा है.