
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जो शव मिले हैं वे लापता चार लोगों में से तीन के हैं। एक की तलाश जारी है।
मणिपुर के बिष्णुपुर में गुरुवार को पुलिस ने तीन लोगों के शव बरामद किए। ये सभी मैतेई समुदाय के हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को कुंबी हाओटक इलाके में चार लोग लकड़ी इकठ्ठा करने जंगल गए थे। उसके बाद से वापस नहीं आए।
लापता लोगों के नाम ओइनाम रोमेन, अहनथेम दारा, थौदम इबोम्चा और थौदम आनंद बताए गए हैं। ये सभी अकासोई वार्ड नंबर 7 के रहने वाले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो शव मिले हैं, वे लापता चार लोगों में से ही तीन के हैं। एक की तलाश जारी है।
हाओतक फेलेन गांव बिष्णुपुर जिले की सीमा पर चुराचांदपुर से 38 किमी दूर स्थित है। उधर, कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले से ही शुरू होगी। राज्य सरकार ने बुधवार शाम इसकी मंजूरी दे दी।

जिस जगह यह हत्या हुई वह हाओतक फेलेन गांव बिष्णुपुर जिले की सीमा पर चुराचांदपुर से 38 किलोमीटर दूर है।

पुलिस के मुताबिक, सभी मृतक अकासोई वार्ड नंबर 7 के रहने वाले हैं।

कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की मीडिया और डॉक्यूमेंटेशन सेल ने चार हमलावरों को ढेर करने की बात कही है।
कुकी का दावा- चार हमलावरों को ढेर किया
पुलिस सूत्र के अनुसार, कुकी उपद्रवियों ने कुंबी हाओतक इलाके में धान के खेतों में काम कर रहे मैतेई लोगों पर बम से हमला किया। जिसके बाद घबराए गांववालों ने सुरक्षित स्थान पर शरण ली। पास में तैनात सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की तब जाकर कुकी की तरफ से फायरिंग बंद हुई।
दूसरी ओर, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की मीडिया और डॉक्यूमेंटेशन सेल ने अपने सोशल मीडिया पेज पर एक वीडियो अपलोड किया। जिसमें उन्होंने बताया कि, बिष्णुपुर लमका सीमा में कुकी गांव के लोगों ने चार हमलावरों को ढेर कर दिया।
मणिपुर में पिछले एक महीने में हिंसक घटनाएं…
1 जनवरी: थौबल में 3 लोगों की गोली मारकर हत्या, 11 घायल

थौबल के लेंगोल पहाड़ी इलाके में 1 जनवरी को हिंसा के बाद कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी।
मणिपुर में नए साल के पहले ही दिन हिंसा हुई थी। यहां थौबल के लेंगोल पहाड़ी इलाके में 1 जनवरी को 3 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 11 लोग घायल हुए थे। घटना से गुस्साए लोगों ने तीन कारों को आग के हवाले कर दिया था। हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया था।
31 दिसंबर: कुकी और मैतेई समुदाय के बीच क्रॉस फायरिंग

कुकी और मैतेई के बीच क्रॉस फायरिंग में कई नागरिकों को चोट लगी थी।
मणिपुर के मोरेह में 31 दिसंबर को उस समय तनाव फैल गया था जब विद्रोहियों और सुरक्षा बलों की क्रॉस फायरिंग में कुछ नागरिक घायल हो गए थे। घायलों का इलाज सुरक्षा बल के जवानों ने किया। 31 दिसंबर को ही मैतेई और कुकी क्षेत्रों से कौट्रुक और कदंगबल क्षेत्रों में भी क्रॉस फायरिंग की खबरें सामने आई थीं।
30 दिसंबर: विद्रोहियों का कमांडो कॉम्प्लेक्स पर हमला, 4 जवान घायल

विद्रोहियों ने कमांडो कॉम्प्लेक्स में हमला किया जिससे चार जवान घायल हो गए थे।
30 दिसंबर रात करीब 11.30 बजे कुकी विद्रोहियों ने कमांडो कॉम्प्लेक्स पर हमला किया था जिसमें चार जवान घायल हो गए। विद्रोहियों ने RPG (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) का इस्तेमाल भी किया। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग की। इसमें मोरेह पुलिस कॉम्प्लेक्स के फर्नीचर, दरवाजे और कुछ सामान को नुकसान पहुंचा।
18 कुकी उग्रवादी समूह, दो सबसे ज्यादा सक्रिय
मणिपुर में 18 कुकी उग्रवादी समूह हैं। इनमें से सबसे ज्यादा सक्रिय कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (केआरए) और कुकी नेशनल आर्मी (केएनए) संगठन हैं। कुकी उग्रवादी समूहों ने 2008 में सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

आठ मैतेई संगठनों पर यूएपीए प्रतिबंध बढ़ाया
सशस्त्र संघर्ष के जरिए मणिपुर को भारत से अलग करने की वकालत करने वाले 8 मैतेई चरमपंथी संगठनों के खिलाफ गृह मंत्रालय ने 13 नवंबर 2023 को यूएपीए प्रतिबंध बढ़ा दिया था। सभी 8 संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबंधित हैं।

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मणिपुर फायरिंग में मारे गए 13 लोग मैतेई थे: कुकी बहुल इलाके में दूसरे गुट ने गोलीबारी की थी, ज्यादातर की उम्र 20 से 25 साल

मणिपुर में 4 दिसंबर को दो गुटों के बीच गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों पहचान हो गई है। ये सभी मैतेई समुदाय के हैं। घटना म्यांमार बॉर्डर से लगे कुकी बहुल टेंग्नौपाल जिले के लीथू गांव में हुई थी। मारे गए लोगों में से अधिकतर की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी।
जानकारी के मुताबिक, मृतकों का पुलिस में कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस ने कहा कि इन हत्याओं की जांच जारी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, ऐसी आशंका है कि ये सभी लोग हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए बॉर्डर पार जा रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…
सेना के अफसर ने बताई मणिपुर हिंसा की वजह:कहा- म्यांमार में अशांति का यहां तक असर, जनता के पास हथियार होना भी एक कारण

मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है। इंफाल में 26 सितंबर सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई थी। तस्वीर उसी दिन की है।
पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने 16 दिसंबर को कहा कि मणिपुर में हिंसा की सबसे बड़ी वजह कुकी-मैतेई के पास बड़ी संख्या में हथियारों की मौजूदगी और पड़ोसी म्यांमार में अस्थिरता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स ने राज्य पुलिस और CAPF के साथ मिलकर मणिपुर हिंसा को काफी हद तक कंट्रोल कर लिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
मणिपुर में 30 उग्रवादी समूह फिर सक्रिय, 2019 से अंडरग्राउंड थे

4 दिसंबर को मणिपुर के टेंगनाउपोल जिले के लीथू गांव के पास जंगल में 13 लोगों के शव मिले थे। जांच में पता चला कि ये सभी मैतेई उग्रवादी समूह द रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) की पॉलिटिकल विंग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के थे और म्यांमार हथियारों की ट्रेनिंग लेने जा रहे थे। पूरी खबर पढ़ें …