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कोठारी बंधुओं को मेरे सामने गोली मारी गई: जोगपाल – बदायूँ समाचार

कोठारी बंधुओं को मेरे सामने गोली मारी गई: जोगपाल

जोगपाल सिंह।

बदायूं। प्रभु श्रीराम के प्रति अटूट आस्था थी तो नसों में खून उबाल मार रहा था लेकिन 30 अक्तूबर 1990 का दिन याद कर शहर के न्यू आदर्श नगर निवासी जोगपाल सिंह आज भी सिहर उठते हैं जब उनके सामने दोनों कोठारी बंधुओं को गोली लगी थी। पहले एक भाई को गोली लगी तो दूसरे ने उसे आकर संभाला था। तब तक पुलिस ने दूसरे भाई को भी गोली मार दी थी। मुश्किल से 300 मीटर की दूरी रही होगी, सामने गोलियां चल रहीं थीं लेकिन जय श्री राम का उद्घोष हर तरफ सुनाई दे रहा था।

हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय अध्यक्ष जोगपाल सिंह 1990 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला कार्यवाह थे। राम मंदिर आंदोलन में उन्होंने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जोगपाल बताते हैं कि यह वह दौर था जब जगह-जगह गिरफ्तारी चल रही थीं। अयोध्या का नाम यदि मुंह से निकल जाता था तो पुलिस पकड़ लेती थी।

अयोध्या जाने का आह्वान हुआ तो तमाम कारसेवकों के साथ वह भी जत्थे में निकले थे। पहले सारे जत्थे निकाले फिर खुद निकले। यह वह दौर था जब जत्थे इकठ्ठे होकर कुछ दूरी बनाते हुए साथ तो चलते थे लेकिन किसी से बात नहीं करते थे ताकि किसी को पता नहीं चले। हर तरफ पुलिस ही पुलिस नजर आती थी।

हर उस व्यक्ति पर पुलिस और प्रशासन की पूरी नजर थी जिसकी आंदोलन में जरा भी सहभागिता दिख जाती थी। जोगपाल बताते हैं कि जब 30 अक्तूबर 1990 को कारसेवकों पर गोलियां चलवाई जा रही थीं तो उस वक्त वह भी वहां मौजूद थे। कोठारी बंधु में से एक को गोली लगी थी तो दूसरा भाई ने उन्हें हाथों से संभालने की कोशिश की थी लेकिन तब तक दूसरे भाई को भी गोली जा लगी और वह भी लहूलुहान होकर गिर गए थे। बड़ा भयावह मंजर था वह, जिसे देखकर रूह तक कांप गई थी।

हर रामभक्त का दरवाजा खुला था उस वक्त

जोगपाल बताते हैं कि जब कारसेवकों पर गोलियां चलाई जा रही थीं तो डरने के बजाय हर रामभक्त ने उस समय अपने घर का दरवाजा खोल रखा था ताकि यदि कोई कारसेवक आ जाए तो उसे घर में पनाह दे सकें। उन्हें भी एक बुजुर्ग हाथ खींचकर घर में ले गए थे और शरण दी थी। उस घर में तीन दिन तक वह रहे। बदायूं लौटे तो फिर गिरफ्तारी का दौर शुरू हो गया था। बताते हैं कि उस समय निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने वाले पुलिस के भेष में गुंडे थे। पुलिस वाले तो उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग ही कर रहे थे लेकिन कुछ लोग कारसेवकों को मारने में लगे थे।

प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक, मन प्रफुल्लित

कारसेवा में अपना योगदान देने वाले जोगपाल सिंह वर्तमान में नगला कॉलेज में कार्यरत हैं। अब जब मंदिर का निर्माण हो रहा है और प्राण प्रतिष्ठा की तिथि नजदीक आती जा रही है तो उनका मन बेहद प्रफुल्लित है। कहते हैं कि कारसेवकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जा रहा, मंदिर निर्माण हो रहा है जो हर हिंदू की आस्था का प्रतीक है। अब घर-घर जाकर निमंत्रण देने और दीपोत्सव मनाने की अपील भी कर रहे हैं।

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