एम्स दिल्ली लंग कैंसर के अर्ली डिटेक्शन को लेकर स्टडी करने जा रहा है.अस्पताल के पल्मोनरी विभाग ने 50 से ऊपर वाले चेन स्मोकर्स को इनवाइट किया है.
AIIMS New Delhi: सिगरेट या बीड़ी से धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली ने देश भर के चैन स्मोकर्स को अस्पताल आने का न्यौता दिया है. इन लोगों की एम्स की तरफ से एक स्पेशल स्क्रीनिंग सुविधा दी जाएगी. रोजाना दर्जनों सिगरेट पी जाने वाले हैवी स्मोकर्स जल्दी से जल्दी अस्पताल में पहुंचकर इस मुफ्त सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
बता दें कि 2022 में भारत में फेफड़ों के कैंसर के लगभग 103371 मामले सामने आए थे. एम्स का कहना है कि लंग कैंसर के अधिकांश रोगियों का इलाज लास्ट स्टेज में किया जाता है, जिसकी वजह से रिजल्ट खराब आता है. कुल मिलाकर जीवित रहने की औसत अवधि केवल 8.8 महीने बचती है. ऐसे में लंग कैंसर की अर्ली स्टेज का पता लगाने के लिए धूम्रपान करने वालों के बीच कम खुराक वाली कंप्यूटेड टोमोग्राफी (कम खुराक वाला सीटी स्कैन) का उपयोग करके स्क्रीनिंग उन तरीकों में से एक हो सकती है जो फेफड़ों के कैंसर को जल्दी से जल्दी पकड़ने में मदद कर सकती है.इसे लेकर एम्स का पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती निदान पर कम खुराक के सीटी के प्रभाव को देखने के लिए एक पायलट स्टडी कर रहा है.
इस स्टडी में 50 साल से अधिक उम्र के भारी धूम्रपान करने वालों को मुफ्त कम खुराक वाले सीटी स्कैन से गुजरना होगा. एम्स का कहना है कि अस्पताल ऐसे लोगों को इस उपयोगी अवसर का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करता है जो बहुत ज्यादा धूम्रपान करते हैं.