कन्नौज जिले में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया में सोमवार की शाम हुई हिस्ट्रीशीटर और पुलिस की मुठभेड़ ने की अशोक यादव उर्फ मुनुआ को भी पुलिस की दबिश की सटीक जानकारी थी। वह अपने पुत्र और पत्नी के साथ ही पुलिस से मोर्चा लेने के लिए असलहों के साथ तैयार बैठा था।
घर के बाहर अलग-अलग दिशाओं में लगाए सीसीटीवी कैमरे की मदद से वह अंदर बैठक कर ही पुलिस पर निगाह लगाए था। पुलिस ने जैसे ही दस्तक दी, उसने गाली बरसानी शुरू कर दी। उसी फायरिंग के दौरान लगी गोली ने सिपाही सचिन राठी की जान ले ली।
पुलिस भले ही हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुओ को हल्के में लेकर पूरी तैयारी के साथ नहीं पहुंची, लेकिन खुद मुनुआ ने पुलिस की दबिश को हल्के में नहीं लिया। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए उसने घर से भागने के बजाए पुलिस से मोर्चा लेने का मंसूबा बनाया।

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पत्नी को गांव की प्रधान बनवाने के बाद से हिस्ट्रीशीटर ने गांव के बाहर बने मकान में खुद को कैद कर लिया। उसने न सिर्फ ग्रामीणों और रिश्तेदारों से नाता तोड़ा, बल्कि वह घर से भी बाहर नहीं निकलता था। आलम यह था कि वर्ष 2021 के चुनाव में जब पत्नी प्रधान पद के लिए मैदान में थी तो वह खुद को वोट डालने भी नहीं गया।
वर्ष 2014 में जेल से छूटने के बाद पहले तो हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ उर्फ मुन्ना घर पर नहीं रहा। वर्ष 2015 में जब पत्नी ने प्रधान का चुनाव जीत लिया तो उसने गांव के बाहर तिराहे पर खेत में किलानुमा घर बनवाया और इसी में रहने लगा। प्रधान के इस कार्यकाल के अलावा पिछले आठ साल से वह घर से नहीं निकला।
वह लोगों से मिलने से परहेज करता था। गांव व रिश्तेदारी में आनेजाने की जिम्मेदारी उसने पत्नी को दे रखी थी। आलम यह था कि वर्ष 2021 में पत्नी के चुनाव में वह खुद वोट डालने भी नहीं गया था। आपराधिक इतिहास की बात करें तो हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ वर्ष 2016 के बाद से कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
पत्नी की हार से बौखलाकर ग्रामीणों की करता था धुनाई
मजबूत कद और हष्टपुष्ट शरीर वाला हिस्ट्रीशीटर मुनुआ यादव से मिलने से ग्रामीण भी डरते थे। पत्नी की हार के बाद उसे जिस पर वोट न देने की आशंका हुई, उसकी पिटाई कर दी। मुनुआ यादव ने अभिलाख उर्फ बाबा की वोट न देने के कारण पिटाई कर दी। इस मामले में उसके खिलाफ विशुनगढ़ थाने में एनसीआर भी दर्ज कराई गई थी। हालांकि उसके हाथों पिटने वाले कई ग्रामीण हिस्ट्रीशीटर की शिकायत करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए।