सऊदी अरब के मक्का में श्रद्धालु एक बार फिर काबा के पवित्र काले पत्थर को छू और चूम सकते हैं.कोरोना महामारी की वजह से काबा के चारों ओर घेराबंदी कर दी गई थी जिसे अब हटा लिया गया है.इसके बाद वहाँ की तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि उत्साहित श्रद्धालु काले पत्थर को छूकर दुआ कर रहे हैं.काबा से लगभग 30 महीने बाद घेराबंदी हटाई गई है. ये क़दम उमरा की यात्रा से ठीक पहले लिया गया है.






हज की तरह उमरा में मुसलमान धर्मावलंबी मक्का की यात्रा कर प्रार्थना करते हैं.ये हज से इस मायने में अलग है कि हज जहाँ एक विशेष महीने में किया जाता है, वहीं उमरा साल में कभी भी किया जा सकता है.उमरा के दौरान हज में किए जाने वाले कई धार्मिक कर्म-कांड किए जाते हैं. उमरा के लिए दुनिया भर से करोड़ों मुसलमान मक्का की यात्रा करते हैं.इनमें से बहुत सारे लोग मक्का के पास मदीना की भी यात्रा करते हैं.
सऊदी अरब ने इस साल कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए ज़्यादातर प्रतिबंधों को हटा लिया.इस साल (2022) हज यात्रा 7 से 12 जुलाई तक हुई थी, और इसमें कोरोना महामारी के बाद पहली मर्तबा लगभग सामान्य संख्या में लोग मक्का पहुँचे.वर्ष 2020 में, केवल 1,000 लोगों को हज पर जाने की अनुमति मिली थी. उस साल केवल सऊदी अरब के लोग ही हज कर सके थे. दूसरे देशों के लोगों के मक्का की यात्रा करने पर रोक थी.2021 में हज यात्रियों की संख्या बढ़कर 60,000 हो गई और इस वर्ष लगभग 10 लाख लोगों ने मक्का पहुँचकर हज किया.हालाँकि, कोरोना के पहले की तुलना में अभी भी ये संख्या कम है. स्टैस्टिका वेबसाइट के मुताबिक़ 2019 में 25 लाख लोगों ने मक्का में हज किया था. दुनिया में एक साथ इतने लोगों के जुटने का ये रिकॉर्ड था.