“लेखन ऐसा हो जिस पर संवाद करे सारी दुनिया। अपनी अपनी भाषा में अनुवाद करे सारी दुनिया” ऐसी रचना के मालिक पूर्व एम. एल.सी. तथा पूर्व प्रधानाचार्य श्री रमेश चंद्र शर्मा”विकट” अब हमारे बीच नहीं हैं।

बदायूं क्लब के सचिव और कवि डा अक्षत अशेष ने उनके निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि विकट जी मूलत बदायूं जनपद के थे और बदायूं एवं बरेली में लगभग सभी साहित्यिक सभाओं में उनका आना जाना रहता था। बदायूं क्लब और महोत्सव में अनेक बार उनका कविता पाठ हुआ, जीवटता के धनी विकट जी मेंअपने से छोटों की सराहना सराहना उनकी विशेष ख़ूबी थी।डा उर्मिलेश से उनके निकट संबंध थे।
बग़ैर किसी पूर्वाग्रह के साहित्य की समझने वाले शख़्स थे वे।इतने विशुद्ध कवि ह्रदय अब मिलना मुश्किल हैं।
ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।