- बाघ द्वारा गाय का शिकार करने के बाद लगाया गया था पिंजड़ा
महोली, सीतापुर। पिंजड़ा लगाने के बाद वन विभाग की कांबिंग दिखावा साबित होने लगी है। ग्रामीणों की माने तो कांबिंग के नाम पर वन कर्मी एक खाली पड़े खेत में फोटो खिंचवाने का काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में चंद्रा गांव के निकट नदी की तलहटी में बाघ के पगचिन्ह मिले थे। इसके कुछ दिन बाद गांव में बाघ द्वारा गाय का शिकार करने के बाद वन विभाग ने नदी की तलहटी के जंगल में पिंजड़ा लगाया था। लेकिन बाघ के पिंजड़े तक न आने से विभाग अब सुस्ती बरतने लगा है। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो रविवार को की गई कांबिंग में ताजा पगचिन्ह नहीं मिले हैं।
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पिंजड़ा लगाकर सुस्त हुआ वन विभाग
बीते महीने चंद्रा गांव में बाघ द्वारा गाय का शिकार करने के बाद चंद्रा समेत हरैया, फत्तेपुर, कोल्हौरा, रुस्तम नगर सहित आसपास के तमाम गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। वहीं दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी पिंजड़ा लगाने के बाद सुस्ती दिखा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी कई कई दिनों तक पिजड़े की तरफ व नदी की तलहटी तक नही जाते है। बस खानापूरी करते हुए खाली पड़े खेत में फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं।