तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में सीटीएलडी की ओर से हुई बेस्ट केस स्टडी प्रेजेंटेशन प्रतिस्पर्धा
- ख़ास बातें
- व्हाइट वोल्फ और न्यूबी राइटर्स की टीमें अव्वल
- पीक परफॉर्मेंस ने द्वितीय तो निमेया टीम रही तृतीय
- मेगा इवेंट में क्रिटिकल थिंकिंग, डिसीजन मेकिंग और प्रेजेंटेशन स्किल का शानदार प्रदर्शन
- सीटीएलडी डायरेक्टर प्रो. आरएन कृष्णिया, मंगलायतन यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग के एचओडी डॉ. राजीव शर्मा और जीएलए यूनिवर्सिटी की मास्टर ट्रेनर मिस शर्मिष्ठा कांजीलाल बतौर जूरी मेंबर्स शामिल
- सीटीएलडी ने यूनिवर्सिटी के छात्रों के स्किल डवलपमेंट के विशेष प्रयास तारीफ – ए – काबिल : रजिस्ट्रार
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह बोले, किसी भी देश के विकास के लिए वहां के नागरिकों को अपने नैतिक मूल्य और व्यवहार में सदाचार लाना बहुत ही आवश्यक है। वह बोले, किसी भी देश, समाज और परिवार में कुछ नियम – कायदे होते हैं, इनके पालन के लिए कुछ जिम्मेदारियां भी होती हैं। अगर आप केवल खुद को ही नहीं, समाज और अपने देश को आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं तो अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना न भूलें। ये मूल्य हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। साथ ही हमारे लिए सफलता की राहें भी खोलते हैं। वह यूनिवर्सिटी की विशिष्ट इकाई सेंटर फॉर टीचिंग लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी की ओर से आयोजित बेस्ड केस स्टडी प्रेजेंटेशन प्रतिस्पर्धा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। यह प्रतियोगिता जीवन के नैतिक मूल्यों और सदाचार पर आधारित थी। प्रतियोगिता में व्हाइट वोल्फ, न्यूबी राइटर्स टीमों ने प्रथम, पीक परफॉर्मेंस ने द्वितीय और निमेया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस मेगा इवेंट में यूनिवर्सिटी के छात्रों के जरिए क्रिटिकल थिंकिंग, डिसीजन मेकिंग और प्रेजेंटेशन स्किल का शानदार प्रदर्शन अविस्मरणीय रहा।
सीटीएलडी डायरेक्टर प्रो. आरएन कृष्णिया, मंगलायतन यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ राजीव शर्मा और जीएलए यूनिवर्सिटी की मास्टर ट्रेनर मिस शर्मिष्ठा कांजीलाल आदि की बतौर जूरी मेंबर्स मौजूदगी उल्लेखनीय रही।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने अपने उद्बोधन में सीटीएलडी की ओर से इस तरह के इवेंट का समय-समय पर आयोजन और विद्यार्थियों के स्किल डवलपमेंट के लिए किए गए विशेष प्रयासों की सराहना की। उल्लेखनीय है, कोविड महामारी के वर्तमान परिदृश्य में देश के कुछ लोगों ने आवश्यक मेडिकल उपकरणों और जीवनदायिनी का भंडारण और ऊंचे दामों में बिक्री की होड़ हमारे दूषित नैतिक मूल्यों और समाज के विकृत रूप को दर्शाता है। इस जटिल समस्या को संज्ञान में लेते हुए और विश्वविद्यालय के युवा छात्रों में नैतिक मूल्यों और सदाचार का सृजन करने हेतु सीटीएलडी के जरिए वैल्यू, मोरल और एथिक्स को बेस्ट केस स्टडी प्रेजेंटेशन के रूप में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
प्रतिभागियों के समूहों से बेस्ट 10 टीम का चयन करने हेतु विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों पर आधारित प्रश्न पत्र दिया गया, इन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीटीएलडी मास्टर ट्रेनर दिलीप वार्ष्णेय ने किया। प्रतियोगिता में यूनिवर्सिटी के विभिन्न संकाय के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इन्होंने अपने नैतिक मूल्यों पर आधारित केस स्टडी के माध्यम से प्रदर्शन किया। स्क्रीनिंग के पश्चात 3 विद्यार्थियों के समूह में कुल 10 टीमों का चयन प्रतिस्पर्धा के ग्रैंड फिनाले के लिए किया गया। प्रतियोगिता से पूर्व सीटीएलडी की मास्टर ट्रेनर जैसमीन स्टीफन ने पूरे प्रोग्राम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसका संचालन किया।