हाइलाइट्स:
- उत्तर प्रदेश में कहर मचाने लगा है कोरोना वायरस का संक्रमण
- प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 15,353 नए मामले आए
- प्रदेश में कोरोनाके कुल एक्टिव मामलों में संख्या 71,241 हो गई
लखनऊःयूपी में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के रेकॉर्ड 15,353 नए मामले सामने आए। एक दिन पहले भी प्रदेश में 12 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। कोरोना की दूसरा लहर का खास असर यूपी में दिख रहा है. राजधानी लखनऊ, वाराणसी, कानपुर समेत कई जिलों में तेजी से कोविड संक्रमण फैल रहा है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए राज्य की योगी सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही हैं. कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर को अब 30 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है. उधर, प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें जीवन भी बचाना है और जीविका भी बचाना है। मुख्यमंत्री के इस बयान से साफ है कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा, बल्कि प्रतिबंध लगाकर, उसे बढ़ाकर, उद्योग-धंधे, काम-धाम को बचाया जाएगा।
कोविड-2 का संक्रमण अत्यंत तीव्र गति से फैल रहा है। केवल राजधानी लखनऊ में प्रतिदिन एक हजार मरीज बढ़ रहे हैं। ये वह आंकड़े है जो ट्रेस हो जा रहे हैं जबकि बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं जो भय के चलते जांच कराने नहीं जा रहे या जांच कराना जिनके लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा। कोविड-1 में सरकारी मशीनरी जहां चुस्त और फुर्त दिख रही थी वहीं इस बार सरकारी मशीनरी की हालत खस्ता हाल नजर आ रही है। ऐसे में जनता पर नियम कानून पालन करने की जिम्मेदारी थोप कर तंत्र अपनी ड्यूटी को पूरा किये दे रहा है।दूसरे राज्यों से जिस तरह से श्रमिकों, मजदूरों का रेला आ रहा है। उसके लिए न तो जांच की व्यवस्था है न सोशल डिस्टेंसिंग और नही मास्क क्या इससे संक्रमण नहीं फैलेगा।
कोरोना संकट के बीच यूपी में पंचायत चुनाव भी
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत चुनाव की गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। मास्क कोई लगा नहीं रहा है।सरकार के आदेश हैं कि कोरोना संक्रमित मिलने पर 25 मीटर का एरिया कंटेनमेंट जोन में तब्दील किया जाए लेकिन इसका भी पालन नहीं हो रहा है। ऐसे में हालात बिगड़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है।क्या लोगों को संक्रमित होने के लिए छोड़ दिया जाना उचित है।