मैनपुरी. उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे बड़े घराने में एक बार फिर फूट निकल कर सामने आई है. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को भाजपा ने टिकट देकर बड़ी सियासी चाल चल दी है. या फिर यूं कहें कि समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है. कुनबे में चल रही दरार का फायदा अब भाजपा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उठाना चाहती है. मुलायम सिंह की भतीजी को टिकट मिलने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा गरम हो गई है.संध्या यादव, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन हैं और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं.बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जिसमें मुलायम सिंह यादव की भतीजी को बीजेपी ने वार्ड नंबर-18 से जिला पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी की सूची में संध्या यादव का नाम आते ही एक बार फिर से मुलायम कुनबे में आपसी फूट दिखाई दे रही है।

मैनपुरी में तीस जिला पंचायत वार्डों के लिए सदस्य पद का चुनाव किया जाना है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. भाजपा ने मुलायम सिंह की भतीजी संध्या यादव को वार्ड नंबर 18 घिरोर तृतीय से अपना प्रत्याशी बनाया है. सपा के गढ़ में भाजपा ने मुलायम की भतीजी को टिकट देकर सियासी चाल चली है. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में फूट पड़ गई थी, उसका असर परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ा. नतीजा यह रहा कि धीरे-धीरे परिवार के सदस्य और रिश्तेदार अलग होते चले गये.
संध्या यादव पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटाने के लिए समाजवादी पार्टी के ही एक विधायक के इशारे पर 2017 में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन भाजपा ने संध्या यादव की मदद की और वह अपनी कुर्सी बचा ले गईं. तब से संध्या यादव की भाजपा से करीबियां बढ़ती चली गईं. भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा कि संध्या यादव के पति ने भाजपा की बहुत मदद की है. यही वजह है कि उन्हें और उनके पति को सपा से पिछले 3 वर्षों से कोई लेना-देना नहीं है. अनुदेश यादव संध्या के पति भाजपा में पहले से शामिल थे और अब उनकी पत्नी संध्या यादव भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में ताकतवर कहा जाने वाला मुलायम सिंह यादव का परिवार अब बिखराव की ओर चला जा रहा है। दरअसल, यूपी पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत सदस्य के रूप में बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को टिकट देकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। बीजेपी ने सैफई कुनबे में बड़ी सेंधमारी कर दी है।
2016 में एसपी से बनी थीं अध्यक्ष
संध्या यादव मैनपुरी से निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। संध्या यादव एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी और बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की बड़ी बहन हैं। संध्या यादव को 2016 में एसपी ने टिकट देकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया था, लेकिन चाचा भतीजे के पारिवारिक झगड़े में वह राजनीति का शिकार हुईं। 2017 के बीच संध्या यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान संध्या यादव के पति अनुजेश प्रताप सिंह यादव बीजेपी में शामिल हो गए थे। वहीं, अब बीजेपी ने संध्या यादव को टिकट देकर राजनीति हलचल तेज कर दी है।
वर्चस्व में दरारें
कभी सत्ता के शिखर पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले सैफई परिवार में दरारें पड़ती नजर आ रही हैं। पहले भाई भाई फिर चाचा-भतीजे के रिश्तों में खटास आई तो अब मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव ने अपना अलग राजनीतिक रास्ता अपना लिया है। संध्या यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और उन्होंने घिरोर के जिला पंचायत वार्ड नंबर-18 से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
परिवार में जारी जंग
समाजवादी पार्टी भले ही विपक्ष में हो, लेकिन आपसी खींचतान को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी से लड़ने से पहले समाजवादी पार्टी को अपने परिजनों और रिश्तेदारों से ही लड़ना पड़ रहा है। दरअसल, कभी मुलायम परिवार का राजनीति में डंका बजता था, लेकिन अब आपस की फूट में ही एक-दूसरे को चित करने में जुटे हैं। कोई एक-दूसरे को अपने आप से कम नहीं पड़ने दे रहा है। बीजेपी ने संध्या यादव को टिकट देकर सैफई कुनबे में एक बार फिर सेंध लगाकर राजनीति हलचल तेज कर दी है।
एसपी के गढ़ में राजनीतिक हलचल तेज
बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जिसमें मुलायम सिंह यादव की भतीजी को बीजेपी ने वार्ड नंबर-18 से जिला पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी की सूची में संध्या यादव का नाम आते ही एक बार फिर से मुलायम कुनबे में आपसी फूट दिखाई दे रही है।
भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप चौहान ने कहा कि यूपी में समाजवादी पार्टी का तथाकथित समाजवाद रहा होगा, लेकिन उसके बाद उन्होंने समाजवाद क्या किया होगा. लोहिया जी की आत्मा रो रही होगी. लोहिया जी कहते थे कि जिंदा कोमें 5 वर्ष इंतजार नहीं करते. समाजवादी पार्टी के किसी कार्यकर्ता को अगर मैनपुरी लोकसभा से टिकट चाहिए तो 5 वर्ष नहीं ईश्वर से प्रार्थना करके सफाई की किसी मां की कोख से जन्म लेना पड़ेगा.