होम राज्य उत्तर प्रदेश आचार्य गोपाल दास स्वामी बता रहे होलिका दहन किस मुहूर्त में करें,

आचार्य गोपाल दास स्वामी बता रहे होलिका दहन किस मुहूर्त में करें,

आज पूरे देश में होलिका दहन का पर्व मनाया जाएगा. होलिका दहन में किसी भी पेड़ की शाखा को जमीन में गाड़कर उसे चारों तरफ से लकड़ी, कंडे या उपये से ढककर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है. इसमें छेद वाले गोबर के उपये, गेंहू की नई बालिया और बालियां और उबटन जलाया जाता है.

हर साल व्यक्ति को आरोग्या कि प्राप्ति हो और उसकी सारी बुरी बलाएं बलाएं अग्नि में भस्म हो जाएं. होलिया दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है. इस बार होलिका दहन 28 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन वाली जगह पर कुछ दिनों पहले एक सूखे पेड़ रख दिया जाता है.

होलिका दहन पर लकड़ियां, घास, पुआल और उपले रखकर अग्नि दी जाती है. होलिका दहन के शुभ मुहूर्त में परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित करानी चाहिए. होलिका दहन को कई जगह छोटी होली भी कहते हैं. इसके अगले दिन एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है.

होली से जुड़ी अनेक कथाएं इतिहास-पुराण में पाई जाती है. इसमें हिरण्यकश्यप और भक्त प्रह्लाद की कथा सबसे खास मानी जाती है. हिंदू धर्म की कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था. लेकिन, यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती.

बालक प्रह्लाद को भगवान की भक्ति से विमुख करने का कार्य उसने अपनी बहन होलिका को सौंपा,  जिसके पास वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती. भक्तराज पह्लाद को मारने के उद्देश्य से होलिका उन्हें अपनी गोद में लेकर अग्नि में प्रविष्ट गो गई.

लेकिन, प्रह्लाद की भक्ति के प्रताप और भगवान की कृपा के फलस्वरूप खुद होलिका आग में जल गई. मगर प्रह्लाद के शरीर को कोई नुकसान नहीं हुआ.

होलिका दहन का मुहूर्त

हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस बार होली पर ध्रुव योग बनने वाला है। होली पर चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा। इसके अलावा मकर राशि में गुरु और शनि विराजमान होंगे। शुक्र और सूर्य मीन राशि में रहेंगे। मंगल और राहु वृषभ राशि, बुध कुंभ राशि और मोक्ष के कारण केतु वृश्चिक राशि में विराजमान होंगे। ग्रहों की यह स्थिति ध्रुव योग बना रही है। आइए ज्योतिषाचार्य गोपाल दास स्वामी से जानते हैं इस वर्ष होली और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त:

चार शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त- 28 मार्च दोपहर 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक.

अमृत काल- 28 मार्च को सुबह 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 31 मिनट तक

सर्वार्थसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 6 बजकर 26 से शाम 5 बजकर 36 तक.

अमृतसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 5 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक.

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