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मल्टीपल सक्लेरोसिस में फिजिकलथेरेपी रामबाण

श्रीनगर डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजियोथेरेपी की ओर से मल्टीपल सक्लेरोसिस पर आयोजित वेबिनार में बतौर की-नोट स्पीकर बोलीं टीएमयू फैकल्टी डॉ. शीतल मल्हान

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजियोथेरेपी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शीतल मल्हान ने कम्पोजिट रीजनल सेंटर, श्रीनगर डिपार्टमेंट ऑफ़ फिजियोथेरेपी की ओर से आयोजित वेबिनार में बतौर गेस्ट स्पीकर बोलीं, मल्टीपल सक्लेरोसिस एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें नर्वस अपनी ऊपरी परत माइलिन को खो देती है। इससे शरीर में दर्द, थकावट, कमजोरी, झनझनाहट, चलने में दिक्कत, मांसपेशियों की अकड़न आदि लक्षण साफ दिखाई देते हैं। फिजिकलथेरेपी का महत्व बताती हुई बोलीं, मल्टीपल सक्लेरोसिस के मरीजों को सही तरीके से एक्सरसाइज करनी चाहिए। एक्सरसाइज करते वक्त सही मात्रा और सही क्रम अपनाना चाहिए।

उन्होंने बताया, थकावट एक गंभीर लक्षण है, जो मरीजों की दिनचर्या में रुकवाट डालती है। हम एनर्जी कन्वर्जेशन टेक्निक- वर्क और रेस्ट का सही तालमेल करके थकावट से निजात पा सकते हैं। बोलीं, क्रायो थेरेपी, हाइड्रो थेरेपी, पोसिशनिंग, पीएनएफ तकनीकों के जरिए मांसपेशियों की अकड़न को दूर किया जा सकता है। डॉ. मल्हान ने बताया, यदि हमें उथोफस फेनोमेनोन लक्षणों यानी शरीर का तापमान बढ़ जाने पर और गंभीर हो जाने पर हमें वातानुकूलित वातावरण में एक्सरसाइज करनी चाहिए। ठंडे पानी में हाथ डालने, ठंडे पानी से नहाने और कूलिंग वेस्ट पहनने से उथोफस फेनोमेनोन दूर किया जा सकता है। अंत में डॉ. मल्हान ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। इस मौके पर डायरेक्टर सीआरसी डॉ. मीरा जफ़र इकबाल की भी मौजूदगी रही। संचालन डेमोनस्ट्रेक्टर सीआरसी डॉ. शीमा रियान ने किया।

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