ब्राह्मण धर्मशाला में आज समरसता खिचड़ी भोज कार्यक्रम का आयोजन भगवान परशुराम जयंती समारोह समिति की ओर से किया गया।जिसमे मुख्य अतिथि अध्यक्ष नगर पालिका परिषद बदायूँ दीपमाला गोयल एवं विशिष्ट अतिथि नगर विकास राज्यमंत्री एवं शहर विधायक महेश चंद्र गुप्ता रहें।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों के साथ अध्यक्ष रामशंकर भारद्वाज एवं वरिष्ठ समाजसेवी रामबहादुर पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से माँ शारदे एवं भगवान परशुराम के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात परशुराम इंटर कॉलेज की छात्राओं मुस्कान, मोनिका, काजल, राधा द्वारा द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी। सोनी, एकता, प्रिया, राधिका द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। छात्रा कामाक्षी शर्मा ने विप्र समाज को संगठित रहने हेतु एक सुंदर गीत प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का मन मोहा।
समिति के महामंत्री अजय मिश्रा द्वारा गत एक वर्ष से लाबेला चौक को भगवान परशुराम चौक के रूप में नामकरण एवं प्रतिमा स्थापित करने हेतु किये गए प्रयासों एवं ज्ञापनों को संज्ञान में लाते हुए विप्र समाज की मांग को राज्यमंत्री एव नगर पालिका अध्यक्षा के समक्ष रखा जिसको चेयरपर्सन दीपमाला गोयल ने मंच से सहर्ष स्वीकार एवं सहमति देते हुए राज्यमंत्री महेश गुप्ता को इसकी घोषणा हेतु अधिकृत किया। महेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि इस धरा को आताताइयो से मुक्त कराने वाले भगवान परशुराम सर्व समाज के लिए पूज्यनीय है। उन्होंने ब्राह्मण समाज की मांग को जायज बताते हुए भगवान परशुराम चौक के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की। पूर्व विधायक प्रेमस्वरूप पाठक ने कहा कि सनातन काल से आज तक विप्र समाज ने सकल समाज के पथ प्रदर्शक का दायित्व निभाया है और समाज के लोगो को इस परंपरा को आगे बढ़ाना है। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ मंच संचालक उमाशंकर राही ने किया।
इस दौरान राहुल चौबे, नत्थूलाल पाराशरी, कौशलानन्द पांडेय, पंकज शर्मा, रजनी मिश्रा, सुरेंद्र उपाध्याय, द्विजेन्द्र उपाध्याय, सुमित मिश्रा, डॉ0 भास्कर शर्मा, शैलेन्द्र शर्मा, अमित पाठक, सुशील शर्मा, गोविंद शर्मा, संजीव शर्मा, षटवदन शंखधार, ज्ञानेंद्र नाथ मिश्रा, उमेश गौड़, अरुण कुमार मिश्रा, सुभाष शर्मा, अरुण अग्निहोत्री, विवेक शर्मा, शांतनु दुबे, सार्थक दुबे, आयुष भारद्वाज, गिरीश शर्मा, शोभित शर्मा, नकुल भारद्वाज, अश्विनी भारद्वाज, गोपाल शर्मा आदि मौजूद रहे।