होम राज्य उत्तर प्रदेश टीएमयू के स्टुडेंट्स रामानुजन के जीवन से प्रेरणा लें,एफओईसीएस के गणित की...

टीएमयू के स्टुडेंट्स रामानुजन के जीवन से प्रेरणा लें,एफओईसीएस के गणित की ओर से सादगी में मनाया गया राष्ट्रीय गणित दिवस

खास बातें
रामानुजन आस्तिक थे तो हार्डी नास्तिक : डॉ. विकास
मैथ से अथाह प्रेम था रामानुजन को : डॉ. मनोज
प्रो. द्विवेदी बोले, गणित के बिना हमारा जीवन अधूरा
डॉ. अभिनव की पुस्तक – रिमेडियल मैथमेटिक्स का हुआ विमोचन

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास पंवार बोले, मैन ऑफ़ इनफिनिटी श्रीनिवास रामानुजन अयंगर और प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रो. जीएस हार्डी गणित के इतिहास में एक ही सिक्के के दो अलग-अलग पहलू हैं। रामानुजन भगवान में आस्था रखते थे तो हार्डी नास्तिक थे। रामानुजन बारहवीं फेल थे तो प्रो. हार्डी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पास आउट थे। रामानुजन अंतर्ज्ञानी थे। मौलिक थे। अंक उनके मित्र थे, जबकि प्रो. हार्डी तर्क पर भरोसा करते थे। डॉ. पंवार तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग साइंसेज -एफओईसीएस के सभागार में गणित विभाग की ओर से भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन अयंगर की जयंती पर आयोजित नेशनल मैथमेटिक्स डे पर बतौर मुख्य वक्ता वर्चुअली बोल रहे थे। इससे पूर्व एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, गणित विभाग के एचओडी डॉ. अजित कुमार, डॉ. शम्भू भारद्वाज आदि ने माँ सरस्वती की वंदना के साथ श्रीनिवास रामानुजन अयंगर के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके समारोह का श्रीगणेश किया। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास पंवार के अलावा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार भी वर्चुअली मौजूद रहे। इस मौके पर डॉ. अभिनव सक्सेना की पुस्तक रिमेडियल मैथमेटिक्स का भी विमोचन हुआ। समारोह में कोविड-19 को लेकर सरकार की गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन किया गया।

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार बोले, हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन्हें गणित और अंग्रेजी मे अच्छे अंक लाने के कारण सुब्रमण्यम छात्रवृत्ति मिली और आगे कालेज की शिक्षा के लिए प्रवेश भी मिला। रामानुजन का गणित के प्रति प्रेम इतना बढ़ गया था, वे दूसरे विषयों पर ध्यान ही नहीं देते थे। यहां तक कि वे इतिहास, जीव विज्ञान की कक्षाओं में भी गणित के प्रश्नों को हल किया करते थे। नतीजा यह हुआ, ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षा में वे गणित को छोड़ कर बाकी सभी विषयों में फेल हो गए और परिणामस्वरूप उनको छात्रवृत्ति मिलनी बंद हो गई। एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी बोले, गणित के बिना हमारा जीवन अधूरा है। जन्म से लेकर अंत तक हर उद्देश्य के लिए गणित की आवश्यकता है। रामानुजन मानते थे। गणितीय सूत्र उनके सपनों में आते थे। वह बहुत कम बोलते थे। हर वक्त कैलकुलेशन में तल्लीन रहते थे। उन्होंने रामानुजन का स्मरण करते हुए कहा, अनंत उन्हीं की ही खोज थी। मैथ्स और नंबर्स ईश्वर के ही रूप हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा, वे लक्ष्य प्राप्ति के लिए श्री रामानुजन के जीवन से प्रेरणा लें। इस मौके पर डॉ. आलोक गहलोत, डॉ. विपिन कुमार के अलावा सिमरन चौधरी, गार्गी, रोहिन, हिमांशु और प्रेरणा सैनी में भी अपने विचार व्यक्त किए। नेशनल मैथमेटिक्स डे समारोह में प्रो. एके गुप्ता, डॉ. एके सिंह, डॉ. पराग अग्रवाल, डॉ. एके सक्सेना के अलावा सभी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर्स, एचओडी, फैकल्टी आदि मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here