विकास माहेश्वरी की रिपोर्ट
राम मंदिर के निर्माण के लिए 15 जनवरी से चंदा जुटाये जाने की तैयारी की जा रही है. इसमें विदेशी धन का उपयोग नहीं किया जाएगा, इसका निर्माण पूरी तरह से आम लोगों के योगदान से ही होगा. यही नहीं राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट ने कंपनियों के कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड का इस्तेमाल भी मंदिर निर्माण के लिए नहीं करने का निर्णय लिया है.
राम मंदिर के निर्माण में यदि आप भी योगदान देना चाहते हैं तो अपना सहयोग आप कूपन के माध्यम से चंदा देकर कर सकते हैं. खबरों की मानें तो 10 रुपये के 4 करोड़ के कूपन होंगे जबकि 100 रुपये के 8 करोड़ कूपन बनाए गये हैं. 1000 रुपये के 12 लाख कूपन होंगे.
इस संबंध में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जन संपर्क कार्यक्रम के माध्यम लोगों से घरेलू स्तर पर एकत्रित किए गए धन से ही किया जाएगा क्योंकि न्यास के पास विदेशों से दान लेने की जरूरी मंजूरी नहीं है.
10, 100 और 1000 रुपये के कूपन : आगे राय ने कहा कि राम मंदिर वास्तव में ‘राष्ट्र मंदिर’ का रूप लेगा और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मंदिर निर्माण के लिए देशभर में जन संपर्क एवं योगदान अभियान शुरू करने की योजना है. इस अभियान के जरिए राम मंदिर के प्रस्तावित नए मॉडल की तस्वीरें भी करोड़ों घरों में पहुंच जाएंगी. रामभक्तों से स्वैछिक दान मंजूर किया जाएगा और इसके लिए 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन उपलब्ध कराए जाएंगे.

वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता : आगे राय ने कहा कि वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बरता जाएगा और इसके मकसद से न्यास ने 10 रुपये के चार करोड़ कूपन, 100 रुपये के आठ करोड़ कूपन और 1000 रुपये के 12 लाख कूपन छपवाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण के लिए विदेश से किसी प्रकार का धन लेने का काम नहीं किया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके लिए न्यास के पास आवश्यक मंजूरी नहीं है. हालांकि, उन्होंने आगे यह भी कहा कि मंदिर से लगे भवनों के लिए कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष पर विचार किया जा सकता है. पैसे एकत्रित करने का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है और न ही मंदिर निर्माण पर होने वाले खर्च का आकलन किया गया है.